चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाए जाने के मामले में अपने पुराने फैसले में संशोधन करते हुए कहा है कि अब सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाया जाना जरूरी नहीं है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार गाइडलाइन्स तय करे. हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर अपने विचार सुप्रीम कोर्ट में रखे थे.

सिनेमा हॉल में फिल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान बजाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने अपना रुख बदल लिया था. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दायर कर अनुरोध किया था कि सुप्रीम कोर्ट को राष्ट्रगान के संबंध में दिए गए फैसले में  बदलाव करना चाहिए. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य कर दिया था. केंद्र सरकार ने बताया है कि इस संबंध में गाइडलाइन्स तैयार करने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गई है कि कमिटी की सिफारिश के आधार पर ही इस मामले में आगे विचार किया जाएगा. कमिटी का गठन 5 दिसंबर को किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान ही केंद्र सरकार से इस मामले में गाइडलाइन्स बनाने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रगान नहीं गाना राष्ट्र विरोधी अपराध नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि देशभक्ति के लिए बांह में पट्टा लगाना जरूरी नहीं है. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले की समीक्षा के बारे में कहा था.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here