मैंने कांग्रेस के ब़डे नेताओं को पैसे दिए
जहां तक कांग्रेस पार्टी का संदर्भ है, मैं एक छात्र रहते हुए कांग्रेस से जुड़ा था और आज कांग्रेस में रहते हुए मुझे 33 साल हो गए हैं. कांग्रेस से जुड़ने के पीछे एक कारण था. वो मान मार्यादाओं, विचारों, आदर्शों और देशभक्ति का दौर था. 7 मार्च 1986 को श्री राजीव गांधी तेजू आए थे, उनका स्वागत करने के लिए मैं मुख्यमंत्री (पू.) ने आत्महत्या से पहले आखिरी बार लिखा न्याय को बिकते हुए देखा है

भी हाथ में तिरंगा झंडा लिए खड़ा था. मैंने तिरंगा झंडा राजीव जी को भेंट किया और उन्होंने मुझे कहा था कि अच्छे से पढ़ो और अच्छे आदमी बनो. उस दिन उन्होंने अपने भाषण में 3 बातें कही थीः

अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है.
दिल्ली दूर है, पर मेरे दिल से दूर नहीं हो.

हम केंद्र से सौ रुपए भेजते हैं, लेकिन यहां सिर्फ 25 रुपए ही पहुंचते हैं. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे. श्री राजीव गांधी की इन सब बातों का मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा और मैं कांग्रेस से जुड़ गया. आज मैं 1995 से लगातार हेउलियांग से चुना जा रहा हूं और राज्य में सबसे ज्यादा वोटों से जीतता आ रहा हूं. लेकिन आज दुख होता है कि इतने बड़े कांग्रेस परिवार को जनता की सेवा करने वाले नहीं, बल्कि भ्रष्ट और बदमाश लोग चाहिए. आज नेता सेवक नहीं दलाल बन गए हैं, बिजनेस कर सिर्फ अपना स्वार्थ ही देख रहे हैं. तब की बात और थी, जब राजनीति में सिद्धांतों, नीतियों और विचारों पर बहस होती थी. आज नेता आरक्षण, फंड, धर्म-मजहब, जाति, क्षेत्र के नाम पर लोगों को बांटकर वोट बटोरने का काम करते हैं और गरीबों की लाचारी पर राजनीति होती है. वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है. वर्ष 2008 में दोरजी खांडू के कहने पर और मजबूरीवश मैं खुद चार बार मोतीलाल बोहरा को रुपए पहुंचाने गया था. जो कुल 37 करोड़ रुपए थे.

वर्ष 2009 में राज्य को एडवांस 200 करोड़ रुपए का लोन देने के लिए दोरजी खांडू के कहने पर मैंने श्री प्रणव मुखर्जी (तब वित्त मंत्री) को 6 करोड़ रुपए ‘वातायल’ 802/7, कवि भारती सरणी, कोलकाता-700029 के पते पर दिए थे.

वर्ष 2015-16 के बीच मैं 13 महीनों के लिए दिल्ली में था. जिसमें मैं कांग्रेस के निम्न नेताओं से मिला- नारायण सामी से 13 बार, कमल नाथ से 4 बार, सलमान खुर्शीद से 5 बार और गुलाम नबी आजाद से भी 5 बार मिला था. लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुझसे नहीं मिले. एक ओर सलमान खुर्शीद और गुलाम नबी आजाद ने मेरी बात सही से सुनी और मदद करने की कोशिश की थी. लेकिन नारायण सामी ने 110 करोड़ रुपए पार्टी फंड और खुद के लिए मांगे थे. जिसे उन्होंने अपने निजी स्टाफ बीएस यादव के माध्यम से मांगे थे. सागर रत्ना (साउथ इंडियन रेस्टोरेंट) में कई बार मुझे बुलाया और अपनी मांग बताई. कपिल सिब्बल ने मुझसे 9 करोड़ रुपए मांगे थे. जब कमलनाथ से मिला तब उन्होंने भी 130 करोड़ रुपए देने के लिए मुझसे कहा था. जिसे उन्होंने अनुपम गर्ग, मि. मिगलानी और नवीन गुप्ता से कहलवा कर मांगे थे.

इन सभी बातों का मुझे बहुत ही गहरा दुख हुआ था. मैं बहुत दिनों तक गहरी सोच और चिंता में डूबा रहा. पार्टी ने मेरे खिलाफ बहुत जहर उगला फिर भी मैं 3 बार कोर्ट केस जीत कर आज भी कांग्रेस से जुड़ा हूं. सच पूछो तो मैंने कांग्रेस का असली चेहरा देखा है और अब कांग्रेस में और राजनीति में रहने की मेरी इच्छा ही नहीं है. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपना राजधर्म नहीं निभाया और न ही निभा रहे हैं. मैं खुद को बहुत ही अभागा समझता हूं कि मैं इतने सालों तक अंधेरे में चलता रहा, ऐसी पार्टी से जुड़ा रहा, जिसने मुझे खून, मशक्कत, पसीने और आंसू के अलावा कुछ नहीं दिया. मुझे कहने में शर्म महसूस होती है, लेकिन कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसका पूरा ढांचा ही भ्रष्ट है.

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