मुंबई: मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और जेडीयू नेता प्रशांत किशोर के बीच हुई मुलाक़ात संघ को नागवार गुजरी है. यही वजह है कि इस मुलाकात को लेकर संघ समर्थित मराठी दैनिक अखबार ‘तरुण भारत’ ने शिवसेना पर निशाना साधा है. बात यहीं ख़त्म नहीं होती.अखबार ने तो यहां तक कहा है कि अगर शिवसेना ने 2019 लोकसभा चुनावों में प्रशांत किशोर की सलाह मानी तो पार्टी महज 4-5 सीटों तक सिमट कर रह जाएगी.इसके साथ ही ‘तरुण भारत’ ने अपने संपादकीय में शिवसेना को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने की सोच रही है तो नुकसान उठाने के लिए तैयार रहे।

दरअसल प्रशांत किशोर और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने का मन बना रही है.क्योंकि इस मीटिंग के बाद शिवसेना की तरफ से कहा गया था, कि आगामी चुनावों में प्रशांत किशोर पार्टी की वैसी ही मदद करेंगे जैसी उन्होंने 2014 के चुनाव में बीजेपी के लिए की थी। जिसके बाद इसे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान जोड़कर देखा जाने लगा जिसमें उन्होंने शिव सैनिकों से कहा था की भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गठबंधन हो या ना हो. लेकिन वो आने वाले आम चुनाव की तैयारियां पूरी कर ले क्योंकि गठबंधन हो या ना हो पार्टी चुनाव जरूर लड़ेगी.इसलिए चुनाव की तैयारी जरूरी है गठबंधन बाद में देख जाएगा।

वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है बीते 26 दिसंबर को एक लेख में तरुण भारत ने शिवसेना पर निशाना साधा था. तरुण भारत ने अपने संपादकीय में उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए कहा था की उद्धव ठाकरे काफी भ्रमित लगते हैं। उन्हें बिल्कुल भी विवेक नहीं है की क्या बोलना है और क्या नहीं. ना ही इस बात का कि मैं क्या कर रहा हूं और मुझे क्या करना चाहिए। शिवसेना केंद्र और राज्यदोनों जगह बीजेपी के साथ सत्ता में है इसके बावजूद वह सरकार को गालियां देती है और सरकार के खिलाफ बोलती है।

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