pregnent ladies after hospital refuse to operate her

देश भर से अब तक कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिमें नामी अस्पतालों ने अपने मरीजों के साथ अमानवीय बर्ताव किया है. ठीक ऐसा ही मामला अब हरियाणा के फरीदाबाद से सामने आया है यहाँ पर एशियन अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद हद तो तब हो गयी जब अस्पताल ने गर्भवती महिला के परिवारवालों को 18 लाख रुपये का बिल थमा दिया.

इलाज के दौरान महिला इस अस्पताल में 22 दिन तक रही और अस्पताल ने इसका पूरा खर्च 18 लाख रुपये बताया साथ ही इस पैसे को तुरंत ही चुकाने को भी कहा गया है. परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान डाक्‍टर न महिला को बचा सके और न पेट में पल रहे 7 महीने के बच्चे को ही।

जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद के गांव नचौली रहने वाले सीताराम ने अपनी गर्भवती बेटी श्वेता (20) को 13 दिसंबर को बुखार होने पर एशियन अस्पताल में भर्ती कराया था।

परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती करने दौरान तीन चार दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि महिला के पेट में बच्चे की मौत हो गई है। ऐसे में मां की जान बचाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों ने शुरू में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराने को कहा था। अस्पताल के डॉक्टरों के कहने के मुताबिक, परिजनों ने ऐसा किया भी।

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श्वेता के पिता सीताराम का यह भी कहना है कि अस्पताल ने पूरा पैसा जमा करने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही। परिजनों की लाख मिन्नतों के बाद भी जब तक उन्होंने पैसे जमा नहीं करा दिए, तब तक श्वेता का ऑपरेशन नहीं किया। श्वेता की मौत की वजह ऑपरेशन की देरी बताई जा रही है. अगर जल्दी ही ऑपरेशन हो गया होता तो श्वेता की जान बचाई जा सकती थी लेकिन अस्पताल ने युवती की जान नहीं बचाई.

 

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