नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना की ताकत में सोमवार को दस गुना बढ़ गई है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए चिनूक सीएच-47I हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना के बेड़े में चंडीगढ़ में शामिल किया गया है। इस मौके पर एक भव्य इंडक्शन समारोह का आयोजन वायुसेना ने है। सीएच-47 चिनूक एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को बेजोड़ सामरिक महत्व की हेवी लिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा। यह मानवीय सहायता और लड़ाकू भूमिका में काम आएगा।

उंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में इस हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका होगी। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक रूसी मूल के भारी वजन उठाने वाले हेलीकॉप्टर ही रहे हैं। लेकिन पहली बार वायुसेना को अमेरिका निर्मित हेलीकॉप्टर मिलेंगे। चिनूक बहुउद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

H-47 Chinook हेलिकॉप्टर में पूरी तरह एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है। इसके अलावा इसमें कामन एविएशन आर्किटेक्चर काकपिट और एडवांस्ड काकपिट प्रबंध विशेषताएं हैं।इस हेलीकॉप्टर का दुनिया के कई भिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में काफी क्षमता से संचालन होता रहा है। चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के अलावा कई देशों की सेनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। खासकर भारतीय क्षेत्र में इस हेलीकॉप्टर की विशेष उपयोगिता होगी।

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 15 चिनूक हेलीकॉप्टर को हासिल करने का आर्डर दिया था जिसमें से पहला चिनूक हेलीकॉप्टर इस साल फरवरी में आया था। सितंबर 2015 में भारत के बोइंग और अमेरिकी सरकार के बीच 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का करार किया गया था। अगस्त 2017 में रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना के लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ रुपये की लागत से छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर अन्य हथियार प्रणाली खरीदने के लिए मंजूरी प्रदान की थी।

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