प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस वचुअल प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि आज कोरोना महामारी के दौर में मानवता का संकट है। ऐसे में भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने यह कर के दिखाया है। बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं।

मोदी के संबोधन की अहम बातें
बुद्ध ने पूरे जीवन का सूत्र हमें बताया
उन्होंने कहा कि सारनाथ में बुद्ध ने पूरे जीवन का पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुख के बारे में बताया। दुख के कारण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दुखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी तय हो सकता है।

जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है
आज हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं, आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है। बुद्ध ने कहा कि बैर से बैर शांत नहीं होता, बल्कि बैर बड़े मन से शांत होता है। दुनिया ने इसे महसूस किया है। बुद्ध का यह ज्ञान जैसे-जैसे समृद्ध होगा, विश्व एक नई ऊंचाई को छुएगा।

राष्ट्रपति कोविंद ने बोधि वृक्ष का पौधा लगाया
राष्ट्रपति कोविंद ने आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरुजनों को बधाई दी। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि बुद्ध ने जीवन के सभी पहलुओं में नैतिकता और संयम के साथ रहने का संदेश दिया है। उनके इस संदेश में सार्वभौमिक करुणा और अहिंसा झलकती है  इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पवित्र बोधि वृक्ष का पौधा लगाया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी और मिनाक्षी लेखी भी मौजूद थीं।

गृहमंत्री शाह ने गुरुजनों को किया नमन
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरु पूर्णिमा पर सभी गुरुजनों को नमन किया। गृहमंत्री शाह ने भी ट्विटर के जरिए गुरुजनों के प्रति आभार व्यक्त किया।शाह ने ट्वीट किया ” गुरु एक शिक्षक ही नहीं बल्कि अपने ज्ञान से शिष्य के सभी दोषों को दूर कर हर संकट से बाहर निकालने वाला मार्गदर्शक भी होता है।’

 

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