जम्मू-कश्मीर में शनिवार सुबह सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने बांदीपोरा में सुंबलर इलाके के शोकबाबा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। इनकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है। सूत्रों के मुताबिक, इलाके आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

वहीं, जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सेना का एक जवान शहीद हो गया। भारतीय सेना के 16 कॉर्प्स के मुताबिक, सिपाही कृष्ण वैद्य ने 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी। हालांकि, जवान की मौत कैसे हुई, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है।

इसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला। साथ ही आतंकियों को आत्मसमर्पण का मौका भी दिया, लेकिन आतंकी गोलियां बरसाते रहे। परिणामस्वरूप सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। हालांकि इस मुठभेड़ में तीन जवान घायल हो गए हैं। एक अधिकारी ने आगे कहा कि आज सुबह जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ रहे थे, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।

इससे पहले शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में रात भर चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर समेत दो आतंकियों को मार गिराया। इनके पास से दो एके 56 राइफल, चार मैगजीन, 136 कारतूस व दो बैग बरामद हुए हैं। दोनों आतंकी स्थानीय थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस को वीरवार को सोपोर के वारपोरा में गुरुवार देर रात आतंकियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। इसके आधार पर सोपोर पुलिस, एसओजी और सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स व सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। घर-घर तलाशी के दौरान एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर  ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने कई बार आतंकियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन दहशतगर्द नहीं माने और जवानों पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में लश्कर कमांडर समेत दो आतंकियों को मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त वारपोरा के फयाज अहमद वार उर्फ उमर और चेरपोरा बडगाम के शाहीन अहमद मीर उर्फ शाहीन मौलवी के तौर पर हुई है।

दोनों आतंकी कई घटनाओं को अंजाम दे चुके थे। फय्याज लश्कर का कमांडर था और उसका लंबा-चौड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। वो 2008 में आतंकवाद में शामिल हुआ था। हालांकि, उसने हथियार समेत सरेंडर भी किया था, लेकिन रिहा होने के बाद वो हिजबुल के साथ काम करने लगा और एक बार फिर से उसे पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया। मार्च 2020 में रिलीज होने के बाद वो लश्कर में शामिल हुआ।

 

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