देश में अरब वसंत क्रांति शुरू होने के 10 साल बाद सोमवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिस्र की जेल की स्थितियों के बारे मे बताया।

मानवाधिकार प्रहरी द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़भाड़ वाली जेलों में अक्सर अमानवीय परिस्थितियों में महीनों या सालों तक हज़ारो केडी रह रहे हैं।

कैदियों को अंधेरे, खराब हवादार कोशिकाओं में रखा जाता है जिसमें पानी या शौचालय तक थोड़ी सी भी ताजी हवा और विषम परिस्थितियां नहीं होती हैं ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्तेदारों के साथ संपर्क बहुत कम हो गया है या पूरी तरह से ख़तम कर दिया गया है, और जेलों में कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में एक समान रणनीति नहीं है।

एक बयान में फिलिप लूथर, एमनेस्टी के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के निदेशक फिलिप लुथर ने कहा, “जेल के अधिकारियों ने देश की भीड़भाड़ वाली जेलों में बंद कैदियों के जीवन और उनकी भलाई के लिए पूरी तरह से अवहेलना की और उनकी स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों की अनदेखी की।”

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