रूस और यूक्रेन के बढ़ते तनाव के बीच जहाँ दोनो देशों के नेता भारत से मदद की उम्मीद लगाये बैठे हैं वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के नेता इंद्रेश कुमार ने भी शुक्रवार को भारत सरकार से दूसरे देशों के साथ हाथ मिलकर रूस पर दबाव डालकर इस युद्ध को ख़त्म करने का निवेदन किया। 

उन्होंने ये भी कहा कि “सभी देशों की सरकारों, नेताओं, राजनायकों, सुरक्षा विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और समाज के लोगों को जिसमें भारत भी शामिल हो को एक साथ मिलकर रूस के राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन के ऊपर दबाव बनाकर इस युद्ध के ऊपर तुरंत रोक लगानी चाहिये और बातचीत से इस मसले का हाल ढूँढने की कोशिश करनी चाहिए। 

“भारत हमेशा से ही अमन पसंद देश रहा है और ऐसी कोई भी स्थिति जो युद्ध को बढ़ावा दे होनी ही नही चाहिए। युद्ध के परिणाम हमेशा भयावह,पीड़ादायक और असहनीय होते है”, इंद्रेश कुमार जी ने आगे बोलते हुए कहा।

और सिर्फ़ भारत ही अकेला नही है जो युद्ध होने के ख़िलाफ़ है ख़ुद रूस में रहने वाले लोग इस युद्ध के ख़िलाफ़ मोर्चा निकालते हुए नज़र आ रहे हैं। गुरुवार रात को सैकड़ों लोग रूस की राजधानी मास्को में जमा हुए और अपने राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की।

स्थानीय पुलिस ने आकर क़रीब 1500 लोगों को गिरफ़्तार किया जिसमें से क़रीब 900 लोग तो वही मास्को के ही थे।

“मैं यूक्रेन के लोगों से माफ़ी माँगना चाहती हूँ। हमने उन लोगों को वोट नही दिया था जिन्होंने ये जंग छेड़ी है”, रूस की एक कार्यकर्ता ने अपने बयान में कहा। 

वहीं रूस के कुछ बड़ी हस्तियाँ भी इस युद्ध के ख़िलाफ़ बोलती नज़र आयी और कुछ लोग जो सरकार के साथ जुड़े हुए थे उन्होंने अपने पद तक छोड़ दिए। 

वहीं आपको बता दें कि गुरुवार को रूस के यूक्रेन के हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से बात की और ये युद्ध की नीति को छोड़ कर बातचीत से इस मसले का हाल निकालने की बात कही। 

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