गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश का पसंदीदा प्रोजेक्ट रहा है. लेकिन उसका निरिक्षण करने गए यूपी के नए मुख्यमंत्री को वहां की कुव्यवस्था इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने इस परियोजना को मोदी जी की महत्वकांक्षी योजना से जोड़ने पर विचार करने का आदेश दे दिया.
इस प्रोजेक्ट पर हुए कुल खर्च के अनुपात में कामों की गुणवत्ता में कमी को देखकर सीएम योगी बेहद नाराज हुए और जितनी जल्द हो सके, व्यवस्था सुधारने को आदेश दिया.
दरअसल, सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट का मुआयना करने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ वहां की कुव्यवस्था देखकर अफसरों पर खूब बरसे. उस समय नदी का पानी बेहद गंदा था, लेकिन फिर भी वहां के अफसरों ने नदी में लगाए गए फव्वारों को चलवा दिया.
जिससे वहां लोगों पर गंदे पानी के छिंटे पड़ने लगे. इससे योगी बहुत नाराज हुए और जल्द ही व्यवस्था सुधारने को आदेश दिया. साथ ही उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना को हर हाल में एक साल के भीतर पूरी करने का आदेश दिया.
उन्होंने इस परियोजना में हुई फिजूलखर्ची की जांच की भी बात कही. कहा कि किसी भी हालत में जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 95 फीसदी बजट देने पर भी 60 फीसदी से कम काम हुआ है. मुआयने के दौरान सीएम ने कहा कि अगर इसमें गिरने वाले नालों को बंद करने पर काम होता, तो नदी की अविरलता बनाए रखने और पानी शुद्ध करने में मदद मिलती.
स्वच्छ नदियां हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं, इसलिए अफसरों को पूरी ईमानदारी से इस ओर ध्यान देना होगा. मुख्यमंत्री ने गोमती के कालाकल्प के लिए इसे नमामी गंगे परियोजना के साथ जोड़ने की बात कही.
उन्होंने कहा, इस परियोजना को नमामि गंगे से जोड़ने की दिशा में तत्काल काम शुरू होना चाहिए. इससे पर खर्च का दबाव कम होगा. उन्होंने यह भी कहा कि गैरजरूरी खर्च रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाएं और निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूरी हों.