राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर सरकार और विपक्ष के बीच बहस का दौर जारी है. जहां विपक्ष इस बिल में कई खामियां बता रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसी बिल को पास कराने पर अड़ा है. उम्मीद है कि बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेज दिया जाए. हालांकि सरकार इस बिल को शीतकालीन सत्र में ही पास कराने पर अड़ी है.

भाजपा तीन तलाक बिल को सलेक्ट कमिटी में भेजे जाने का विरोध कर रही है. इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच जमकर तकरार हुई. भाजपा का यह कहना है कि विपक्ष इस बिल को लटकाना चाहता है, इसीलिए इसे कमिटी के पास भेजना चाहता है.

भाजपा को उम्मीद थी कि यह बिल जैसे लोकसभा में पास हो गया, वैसे ही कांग्रेस की मदद से राज्यसभा में भी पास हो जाएगा. लेकिन कांग्रेस के रुख में परिवर्तन होने से सरकार पशोपेश में पड़ गई है. भाजपा अब विपक्ष पर यह आरोप लगा रही है कि विपक्ष तीन तलाक मसले पर अल्पसंख्यक महिलाओं का हित नहीं चाहता है, इसलिए दोहरा रवैया अपना रहा है. एआईएडीएमके, बीजद, टीएमसी और टीडीपी समेत 17 दल तीन तलाक बिल को कमिटी में भेजे जाने का समर्थन कर रहे हैं. इस मसले पर कुछ छोटे सहयोगी दल ही भाजपा के साथ हैं. शुक्रवार को संसद का शीत सत्र संपन्न हो जाएगा. ऐसे में उम्मीद यही है कि तीन तलाक मसले पर कोई सहमति नहीं बन पाने के कारण यह बिल लटक सकता है.

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