shashikala जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी की कमान को लेकर जारी अटकलों पर अब विराम लग गया है. गुरुवार को हुई आईएडीएमके की जनरल काउंसिल की मीटिंग में शशिकला नटराजन को पार्टी का मुखिया चुन लिया गया. शशिकला को ही पार्टी का जनरल सेक्रेटरी भी चुना गया है. कहा जा रहा है कि पन्नीरसेल्वम सीएम बने रहेंगे, लेकिन सारे अहम फैसले शशिकला ही लेंगी. 1972 में एमजी रामचंद्रन के द्वारा डीएमके से अलग होकर एआईएडीएमके बनाने के बाद यह तीसरा मौका है जब पार्टी की कमान पूरी तरह से किसी के हाथों में आई है. पहले एमजी रामचंद्रन, फिर जयललिता और अब शशिकला एआईएडीएमके की मुखिया बनी हैं

गौरतलब है कि शशिकला दो दशकों तक जयललिता की परछाईं बनकर उनके साथ रही थीं. लेकिन उसके बाद 2011 में उनपर आरोप लगा कि उन्होंने अपनेे पति नटराजन को सीएम बनाने के लिए जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की. इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपने घर और पार्टी से निकाल दिया. हालांकि बाद में शशिकला के माफी मांगने पर जयललिता ने उन्हें दोबारा दोस्त के तौर पर अपना लिया. जयललिता के निधन के वक्त भी शशिकला ही पूरे समय पार्थिव शरीर के पास रहीं और उन्होंने ही अपने भतीजे दीपक के साथ अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाई.

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आईएडीएमके की जनरल काउंसिल की मीटिंग में 14 रेजोल्यूशंस पर भी मुहर लगी. इसमें जयललिता के जन्मदिन को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाने से लेकर उन्हें  मैग्सेसे और नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने का भी प्रस्ताव था. इस मीटिंग में पार्टी के सभी बड़े नेता और जनरल काउंसिल के मेंबर्स शामिल हुए. मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, उनकी कैबिनेट के मंत्री, सभी पार्टी एमएलए और लोकसभा उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई भी मीटिंग में मौजूद रहे.

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