पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के करीब 21 महीने बाद इसका वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह से भारतीय सेना की स्ट्राइक में पाकिस्तानी चौकियां जल रही हैं. गौरतलब है कि उड़ी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर 2016 को सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. उस स्ट्राक के दौरान जवानों के हेलमेट पर लगे कैमरों और ड्रोन कैमरों की मदद से इस पूरी कार्रवाई की रिकॉर्डिंग की गई थी. हालांकि अब तक सेना ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है.

गौरतलब है कि 18 सितंबर 2016 को उड़ी में आतंकियों ने सैन्य शिविर पर हमला किया था. उस हमले में 21 जवान शहीद हुए थे. उस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल, तत्कालीन सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और तत्कालीन डीजीएमओ रणबीर सिंह के बीच लम्बे दौर की मंत्रणा हुई थी और फिर हमले के 11 दिन बाद 29 सितंबर को भारतीय सेना ने एलओसी पार कर तीन किलोमीटर अंदर तक जाकर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी. इस सर्जिकल स्ट्राइक में सेनाा की तरफ से रॉकेट लॉन्चर, मिसाइल और छोटे हथियारों का इस्तेमाल किया गया था.

इस वीडियो के सामने आने के बाद एक बाार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है. वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ जय जवान-जय किसान नारे का राजनीतिक शोषण कर रही है, दूसरी तरफ सर्जिकल स्ट्राइक की वीर गाथा को वोट के लिए इस्तेमाल कर रही है. यह शर्मनाक है. हम इसकी निंदा करते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि ये सर्जिकल नहीं, फर्जिकल स्ट्राइक हुई थी.

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