shriram

नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद राम मंदिर के मामले पर सबकी निगाहें थी लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने मामला एकाएक गर्मा दिया। कई मीडिया संस्थानों ने इस मामले को लेकर विवादित ढांचे के पैरोकारों से चर्चा की। जिसमे काफी कुछ निकलकर सामने आया।

राम मंदिर की आगे की राहे आसान तो नहीं कही जा सकती है। दोनों ही पक्ष चाहते हैं कि केंद्र सरकार खुद से ही पहल करें और दोनों से अलग अलग बैठ कर बात की जाए। दोनों ही तरफ के लोगों कुछ शर्ते एक जैसी हैं। करीब 4 शर्तें ऐसी ही हैं जिस पर दोनों ने अपनी सहमति जताई।

मंदिर-मस्दिज दोनों बने    

दोनों ही पक्ष चाहता है कि उसी 2.7 एकड़ की जमीन पर मंदिर और मस्जिद का निर्माण कराया जाए। केंद्र की सरकार को कुछ ऐसा रास्ता तलाशना होगा कि इसी जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों खड़ें दिखाईं दें।

केंद्र सरकार करे पहल

दोनों ही पक्ष से जुड़े लोगों का मानना है कि इस मामले में केंद्र ही पहल करे। वो ऐसे लोगों को आगे करे जिनकी स्वीकार्यता दोनों पक्षों में हो। दोनों ही पक्षों के साथ पूरी बात की जाए। दोनों के कॉमन बिंदुओं के साथ एक रिपोर्ट तैयार की जाए और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए।

बयानबाजी पर लगाम लगे

इस विवादित मामले को गर्माने का काम कर रहे हैं नेताओं के बयान, दोनो पक्ष के लोगों का मानना है कि इस मामले पर बयानबाजी बंद होनी चाहिए। फिर चाहे सुब्रमण्यम स्वामी हो या फिर हाजी महबूब। बयानों के बाद जो सिलसिला चलता है उससे तनाव बढ़ जाता है। इसलिए दोनों ने माना कि बयानों पर लगाम लगाई जाना जरूरी है।

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here