नई दिल्ली: 15 अगस्त 2019 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस का भाषण देने के साथ ही पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी की बराबरी कर लेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने लगातार छठी बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देंगे. प्रचंड जनादेश के बाद सत्ता में वापसी के बाद उनका लाल किले से यह पहला भाषण होगा. पीएम मोदी गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने के साथ ही पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर लेंगे. वाजपेयी बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने 1998 से 2003 बीच लगातार छह बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया.

उम्मीद की जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय से लेकर अर्थव्यवस्था की स्थिति तक वह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. पीएम मोदी 15 अगस्त के अपने संबोधन का उपयोग पूर्व में सरकार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं जैसे ‘स्वच्छ भारत’, ‘आयुष्मान भारत’ और भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन की घोषणा के लिए कर चुके हैं. वह इस अवसर का उपयोग उनके नेतृत्व में हो रहे विकास को रेखांकित करने और अपनी सरकार के कामकाज का लेखाजोखा भी पेश करने के लिए करते रहे हैं.

पार्टी नेताओं का मानना है कि हाल में हुए आम चुनाव में बीजेपी को मिली उल्लेखनीय जीत और इसके बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाने के उनकी पार्टी के कोर एजेंडे वाले कदम को संसद की मंजूरी से प्रधानमंत्री के भाषण की दिशा पहले ही निर्धारित हो चुकी है. पिछले हफ्ते राष्ट्र के नाम दिए संदेश में प्रधानमंत्री ने घाटी के लोगों को विकास और शांति का वादा किया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के फैसले पर विस्तार से बात की.

हताश विपक्ष बीजेपी को चुनौती देने में नाकाम रहा है और नरेंद्र मोदी की 2014 के मुकाबले और अधिक बहुमत से सत्ता में वापसी हुई. कई लोगों का मानना है कि वह इस अवसर का इस्तेमाल सुधार या समाज के विभिन्न वर्गों को रियायत देने की घोषणा के लिए कर सकते हैं.

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