नई दिल्ली : बिहार में पूरा विपक्ष पीके को ढूंढ रहा है. करीब एक साल से प्रशांत किशोर बिहार से गायब हैं. बिहार से उनका लापता होना एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर बहुत विश्वास किया था. चुनाव जीतने के बाद ही उन्होंने प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त कर दिया था. लेकिन वे पिछले एक साल से पटना से लापता हैं. बिहार चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने बड़ी आशा के साथ उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी थी.

प्रशांत किशोर आज भी बिहार विकास मिशन के गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं. इस पद के लिए उन्हें कई सहूलियतें मिलती हैं. अब सवाल ये है कि प्रशांत किशोर जो यात्राएं करते हैं, क्या उसके खर्च का  वहन बिहार सरकार करती है? जब वे बिहार में रहते ही नहीं हैं और न ही बिहार सरकार के लिए काम कर रहें हैं, तो क्या उनको दी गई सहूलियतों को नीतीश कुमार को वापस नहीं ले लेना चाहिए? क्या दूसरे राज्यों में कांग्रेस के प्रचार प्रसार के लिए बिहार सरकार प्रशांत किशोर पर खर्च कर रही है? अगर अब तक ये खर्च बिहार सरकार करती रही है, तो क्या प्रशांत किशोर उस पैसे को वापस करेंगे? सवाल तो ये भी है कि क्या नीतीश कुमार की सहमति या आदेश पर प्रशांत किशोर देश भर में कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं?

नीतीश कुमार से इन सवालों को इसलिए पूछा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने बिहार के विकास की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी भी प्रशांत किशोर के कंधे पर दे दी. प्रशांत किशोर पर बिहार-2025 विजन डाक्युमेंट तैयार करने की जिम्मदारी है. इसके लिए सिटीजन अलायंस नामक संस्था को 9.31करोड़ रुपया भी दिया जा चुका है. ये पैसा कहां गया? बिहार 2025 विजन डाक्युमेंट तैयार हुई है या नहीं? इसकी शुरुआत भी हुई है या नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि पैसे लेकर किसी रिसर्च स्कॉलर और प्रोफेसरों को इस काम पर लगा दिया गया है? सवाल तो ये भी है कि क्या एक विजन डाक्युमेंट को तैयार करने के लिए 9.31 करोड़ रुपया दिया जाना सही है?

कहीं ऐसा तो नहीं कि चुनाव जीतवाने के पारिश्रमिक के रुप में विजन डाक्युमेंट के नाम पर प्रशांत किशोर को करोड़ो रुपया दे दिया गया? इससे भी महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पिछले छह महीने से प्रशांत किशोर पटना क्यों नहीं आए हैं? वे बिहार मिशन के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य हैं, फिर भी इसके कामकाज पर वक्त और ध्यान क्यों नहीं देते हैं? ये हैरानी की बात है कि अब नीतीश कुमार ये सब कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं? जो लोग नीतीश कुमार को नजदीक से जानते हैं, उन्हें मालूम है कि नीतीश कुमार इस तरह की चीजों से सख्त नफरत करते हैं.

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