हमारा पुनर्वास न करने वाली सरकार का पुनर्वास हम करेंगे

आज ही के दिन 2 साल पहले यानी 17 सितंबर 2019 को सरदार सरोवर बांध में पानी भरकर नर्मदा घाटी के सैकड़ों गांवों को डुबा दिया गया था। डूबाने के पहले पंचनामे बनाकर सबका पुनर्वास करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद किसी का पुनर्वास नहीं किया गया। आज भी हजारों परिवार अपने नीतिगत पुनर्वास लाभों से वंचित है। पुनर्वास स्थलों पर आवासीय भूखंड, जमीन के बदले खेती की जमीन और घर बनाने के लिए दिया जाने वाले पुनर्वास अनुदान जैसे लाभों से आज भी हजारों परिवार वंचित हैं। इनमें से कई लोग तो आज भी टीन शेडों में बदतर जीवन जीने को मजबूर है। इसीलिए आज 17 सितंबर 2021 को बिना पुनर्वास उजाड़े गए बांध प्रभावित मरण दिन के रूप में मना रहे हैं।

इसके तहत प्रभावितों ने गांव गांव में प्रदर्शन किया गया और अपने पुनर्वास की मांग की। बाद में गांवों से प्रभावित बड़वानी पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रभावितों ने कहा कि जो सरकार उनके पुनर्वास से इंकार कर रही है अब वे उस सरकार के पुनर्वास कोशिश करेंगे।

हालांकि प्रभावितों ने अपने संघर्ष से सरकार को झुकाया है। सरकार को न चाहते हुए भी पुनर्वास हेतु बाध्य होना पड़ा है। हमारे संघर्ष से अब तक 14 हजार से अधिक परिवारों को खेती की जमीन देनी पड़ी। पुनर्वास स्थलों पर आवासीय भूखंड और मकान बनाने का 5 लाख 80 हजार का भुगतान भी करना पड़ा लेकिन, जिनके पुनर्वास अधिकार अभी तक शेष है उनके लिए आंदोलन का संघर्ष जारी रहेगा

Adv from Sponsors