policeफर्जी एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) सहित अन्य फर्जी कागजातों के आधार पर विभिन्न बैंकों को करोड़ों रुपये की चपत लगाने वाले संगठित गिरोह के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस मुख्य सरगना को दबोच नहीं सकी है. कई तरह के फर्जी कागजात और विभिन्न बैंकों की मुहर सहित पुलिस की गिरफ्त में आए दो धंधेबाजों ने कई राज भी उगले थे. लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि बिहार के किस-किस जिले के किन-किन बैंकों से कितने करोड़ रुपये के फर्जी ऋृण की निकासी की गई है.

लेकिन इतना तो स्पष्ट हो ही गया है कि बिहार के विभिन्न जिलों में संगठित गिरोह के द्वारा फर्जी ऋृण के जरिए सरकार को करोड़ों की चपत लगायी गई है. कई बैंकों के अधिकारियों की नींद हराम हो गयी है. दामन दागदार होने से अपने आपको बचाने की जुगत में लगे कई बैंक अधिकारी बैंकों के ऋृण संबंधित अभिलेख के साथ छेड़छाड़ करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. पुलिस के द्वारा अगर सभी बैंकों के अभिलेखों की जांच गंभीरता के साथ की जाय तो कई बैंक अधिकारी भी कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं.

वैसे पुलिस के एक आलाधिकारी का भी मानना है कि भारी मात्रा में इस तरह के अवैध कागजातों का बरामद होना इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि व्यापक पैमाने पर फर्जी ऋृण की निकासी की गई है. जिस शख्सियत के नाम पर एक कट्‌ठा भी जमीन नहीं है, उसके नाम से भी लाखों रुपये के फर्जी ऋृण की निकासी हुई है. चौथी दुनिया के द्वारा इस संदर्भ में कुछ वर्ष पूर्व प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित किए जाने के बाद हरकत में आयी पुलिस ने व्यापक पैमाने पर फर्जी एलपीसी, मतदान प्रमाण पत्र, एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंकों की पास बुक, बैंक के चेक, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, विभिन्न बैंकों की मुहर, मालगुजारी रसीद, शपथ पत्र, केवाला प्रपत्र सहित दो धोखेबाजों को गिरफ्तार किया था.

खगड़िया पुलिस के द्वारा स्थानीय पूर्वी केबिन रोड, हाजीपुर स्थित एक प्रेस के संचालक तथा अलौली थाना अंतर्गत ईचरुआ निवासी धंधेबाज को इस तरह के कागजातों सहित गिरफ्तार कर मामले को खंगालने की कोशिश की गई थी. इन दोनों को रिमांड पर लेने के बाद कुछ राज पुलिस खुलवा भी सकी तो कुछ का राज धंधेबाज के सीने में ही दफन रह गया.जानकारों की बातों पर भरोसा करें तो गिरफ्तार किए गए प्रेस के संचालक इस अपराध की दुनिया की छोटी मछली है.

बड़ी मछली अभी भी पुलिस को चकमा देने के लिए तरह-तरह का ताना-बाना बुनने में लगी है. पुलिस के द्वारा अगर विनोद कुमार सिंह तथा प्रेस संचालक से कड़ी पूछताछ की जाय तो कई बैंक प्रबंधकों के दामन पर दाग लगना तय है. फर्जी एलपीसी सहित अन्य कागजातों के आधार पर लोन की स्वीकृति देने के आरोपी विभिन्न बैंकों के प्रबंधकों का हाथ-पांव अभी से फूलने लगा है. लेकिन धन के बल पर बचने की जुगत में लगे ऐसे नौकरशाहों को भरोसा है कि किसी न किसी प्रकार से उन्हें राहत मिल ही जायेगी. बावजूद इसके पुलिस अधिकारी फर्जी कागजात तैयार करने के तौर-तरीके से वाकिफ होना चाह रहे हैं.

लेकिन अभी तक पुलिस को आशातीत सफलता हाथ नहीं लगी है. जानकारों की मानें तो इस तरह के गोरखधंधे की शुरुआत खगड़िया मुफसिल थाना अंतर्गत रांकों गांव के एक शातिर बैंक दलाल के द्वारा की गयी थी. रंक से राजा बने इस दलाल के द्वारा कुछ बैंककर्मियों से सांठ-गांठ करके फर्जी एलपीसी तैयार करने के बाद विभिन्न बैंकों से केसीसी सहित अन्य तरह के लोन दिलाने की शुरुआत की गई थी. अधिक कमाई होते देखकर कुछ अन्य लोगों ने भी इस तरह के गोरखधंधे को अपनाना शुरू कर दिया.

इस धंधे से जुड़े एक धंधेबाज ने बताया कि खगड़िया थाना अंतर्गत गौशाला रोड स्थित एक महिला राजस्व कर्मचारी के पति द्वारा कुछ माह पूर्व मालगुजारी रसीद की पूरा बुक महज कुछ रुपयों में किसी के हाथ बेच दी गई. इसके बाद मालगुजारी रसीद स्थानीय स्तर पर छापी जाने लगी. फर्जी तरीके से मालगुजारी रसीद प्रिंट होने के बाद फर्जी एटीएम कार्ड और फर्जी मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की जुगत शुरू हुई. धीरे-धीरे जब धंधेबाजों को इसमें भी सफलता मिल गई तो अभिलेखागारों से शातिर दिमाग के बल पर किसी-किसी के नाम का केवाला( जमीन निबंधन संबंधित प्रमाण पत्र) निकालकर फर्जी एलपीसी तैयार किया जाने लगा. इसी फर्जी एलपीसी के आधार पर करोड़ों रुपये के केसीसी सहित अन्य तरह के ऋृण की निकासी कर ली गई.

बिहार के कई जिलों से इस तरह के धंधेबाजों ने सांठ-गांठ स्थापित की और सरकार को फर्जी ऋृण के जरिए चपत लगाने की होड़ शुरू हो गई. हालांकि कुछ बैंकों के प्रबंधक या तो इस संदर्भ में कुछ कहना नहीं चाहते हैं और कुछ ऐसे बैंक अधिकारी हैं, जो तत्कालीन बैंक अधिकारियों के माथे पर आरोप का ठीकरा फोड़ना चाहते हैं. उधर खगड़िया के पुलिस कप्तान अनिल कुमार सिंह का कहना है कि इस तरह के मामले में संलिप्त धंधेबाजों को गिरफ्तार कर पुलिस ने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है. पुलिस इस मामले की गंभीरता के साथ जांच करने में जुटी हुई है. जल्द ही गुनाहगारों का चेहरा सामने आ जायेगा.

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