सीबीआई का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बता दें कि एक एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मागं की है कि एम नागेश्वर राव को सीबीआई के निदेशक के पद से हटाए जाये क्योंकि उनके ऊपर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे है.

गौरतलब है कि बुधवार को सीवीसी की सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई के निदेशक अलोक वर्मा और विशेस निदेशक राकेस अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. जिसे लेकर लगातार कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर निशाना साध रही है.

याचिका में ये कहा गया है कि…

1 एम नागेश्वर राव पर भष्टाचार के आरोप है, इस लिहाज से उन्हें भी सीबीआई के निदेशक का पद नहीं दिया जा सकता है.

2 आलोक वर्मा, अस्थाना पर लगाए गए मामले की जांच कर रहे थें इसलिए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया.

3 सीवीसी का सरकारी आदेश गैर-कानूनी है क्योंकि आलोक वर्मा को हाई पावर पैनल के मजूंरी के बिना स्थानानंतरित या छुट्टी पर नहीं भेजा जा सकता है.

4 अस्थाना को सीबीआई से हटाया जाना चहिए

कांग्रेस ने मोदी सरकार के फैसले को बताया असंवैधानिक बताया

वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार के फैसले अंसवैधानिक करार दिया है. गौरतलब है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फैसले को पहले ही राफेल डील से जोड़कर बताया कि जो कोई भी राफेल डील के इर्द-गिर्द आएगा उसे मोदी जी हटवा देंगे. बता दें कि अलोक वर्मा राफेल डील की जांच करने की जुगत में थे. वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि जिस तरीके से मोदी सरकार ने सीबीआई के अधिकारियों की छुट्टी कर दी है. वो बिल्कुल असंवैधानिक और न्याय विरुद्ध बताया.

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