एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर हिंसा की आग में झुलस रहा है तो वहींदूसरी तरफ प्रदेश के सियासी दलों के नुमाइंदों समेत पदाधिकारी अपने बयानों की बौछार छोड़ते जा रहे हैं.

बता दें कि इसी कड़ी में उत्तर प्रदेँश के राज्यपाल राम नाईक ने बुलंदशह हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि ये पूरा घटनाक्रम बेहद निंदनीय है. मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और इसकी गहन जांच की मांग करता हूं.

इसके साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि दो दिन के भीतर इस पूरे मामले की तफ्तीश करके सार्थक परिणाम को पेश किया जाएगा.

इतना ही नहीं, राज्यपाल ने तो यहां तक कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाए उसी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि फिर से प्रदेश में ऐसी घटना न घटे.

गौरतलब है कि सोमवार को यूपी के बुलंदशहर के महाव गांव में गौ के अवशेष मिलने को लेकर दंगाई उग्र हो गए थें. हालांकि, गांव वालों ने बाद में अपने आप पर काबू रखते हुए पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना दी और सूचना के तुरंत बाद ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मुस्तैदी से तैनात हो गई, लेकिन इस दुर्भाग्यवश एक शख्स इतना बेकाबू हो गया कि उसने वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी पर गोली चला दी, जिससे उसको अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया.

फिलहाल गांव के पूर्व प्रधान से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि दंगाई गांव के नहीं थे. वे गांव के बाहर के थे. हालांकि, इसके साथ ये भी कहा जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि बजरंग दल के लोग हैं.

अब इस घटना के बाद सियासत काफी गर्मा गई है. सभी दलों के नुमाइंदे एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में काफी मशगूल हो पड़े हैं, लेकिन अभी तक सार्थक परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है.

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