जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है जिसके बाद अब राम भक्तों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बुधवार को एक परम धर्म संसद बुलाई थी जिसमें राम मंदिर के निर्माण की बात पर फैसला लिया है जिसके मुताबिक़ 21 फ़रवरी से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

परम धर्म संसद में 21 फरवरी, 2019 को राम मंदिर के लिए आधारशिला रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. इसके लिए सभी साधुओं एयर सन्यासियों से अयोध्या कूच करने के लिए कहा गया है. यह आपको बता दें कि यह परम धर्म संसद पिछले तीन दिनों से प्रयागराज में चल रही थी जिसके बाद बुधवार को पूरे दिन राम मंदिर निर्माण पर चर्चा हुई और चर्चा के बाद प्रस्ताव लाया गया. इस प्रस्ताव में कहा गया कि 21 फरवरी को राम मंदिर निर्माण शुरू होगा.

इस परम संसद के दौरान शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार पर भी आरोप लगाए और कहा कि जन्मभूमि छोड़कर दूसरी जगह मंदिर निर्माण की साजिश रची जा रही है. नरसिंह राव ने कहा था कि जिनसे जमीन ली वो लौटाई नहीं जाएगी. हम अयोध्या जाकर जन्मभूमि में मंदिर का शिलान्यास करेंगे. यह परम धर्मादेश स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पढ़ा और इसके अनुसार, राम मंदिर के लिए शांति पूर्ण और अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा. अयोध्या में 21 फरवरी को शिलान्यास करने की तिथि निश्चित की गई.

गोली खाने को तैयार हैं संत

आपको बता दें कि संतों ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें कोई रोकता है तो वो गोली खाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं ऐसे में अगर सरकार की मुश्किल थोड़ी बढ़ सकती हैं. संतों की तरफ से कहा गया है, कि राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन न सौंपे जाने तक जेल जाने का आंदोलन चलेगा. नंदा, भद्रा, जया, और पूर्णा नाम की शिलाओं का अयोध्या में शिलान्यास होगा.

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