पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं इसी बीच मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के सांसद फैयाज अहमद मीर की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम देहरादून पहुंची और टर्नर रोड पर हॉस्टल में रहने वाले कश्मीरी छात्र-छात्राओं से भेंट की। इस दौरान उन्होंने बीजापुर गेस्टहाउस जाकर सीएम त्रिवेंद्र से भी वार्ता की। साथ ही एक बस भी मंगवाई। जिसके बाद वह देर रात ही 100 कश्मीरी छात्रों संग कश्मीर के लिए रवाना हो चुके हैं। आपको बता दें पुलवामा आतंकी हमले में जवानाें की शहादत के बाद से देशभर में लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है। शहादत को लेकर कश्मीरी छात्रों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देहरादून का माहौल गरमा गया था। कई संगठनाें ने आधा दर्जन शिक्षण संस्थाओं पर प्रदर्शन किया।


इस मामले में मुकदमा दर्ज कर एक कश्मीरी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया और और दूसरे को निलंबित कर दिया गया था। इसी तनातनी के बीच 16 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्षा शहला राशिद द्वारा कश्मीरी छात्राओं को कमरे में बंद करने के ट्वीट से यह मामला और गरमा गया था। ट्वीट को लेकर प्रेमनगर थाने में शहला राशिद के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया गया था। इन्हीं आशंकाओं के बीच कश्मीर के पीडीपी सांसद फैयाज अहमद मीर की अगुवाई में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का जायजा लेने सोमवार शाम को यहां पहुंच गया था। सूत्राें के मुताबिक छात्राओं ने खुद को किसी तरह का खतरा नहीं बताया है। उन्होंने जम्मू वापस जाने से भी इनकार किया। लेकिन फिर भी एहतियातन 100 छात्रों को वापस ले जाया गया है। सांसद मीर ने मीडिया से बात करने से परहेज किया। उन्हाेंने सिर्फ इतना कहा कि यहां सब ठीक है।

कश्मीरी छात्रों के अभिभावकों की चिंता
उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से कश्मीर की जनता और छात्रों के अभिभावक भी परेशान हैं। बताया कि इन्हीं अफवाहों की सच्चाई जानने के लिए पीडीपी अध्यक्ष के कहने पर वह उत्तराखंड आए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड शांतिप्रिय प्रदेश है, यहां शिक्षा ले रहे कश्मीरी छात्र सुरक्षित हैं। यहां के लोगों में भाईचारा है। स्थानीय प्रशासन भी कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। वहीं दूसरी तरफ उत्तरखंड पुलिस का कहना है कि उत्तराखंड में देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करना पुलिस की जिम्मेदारी है। इसके विपरीत राष्ट्र विरोधी गतिविधियाें में लिप्त और कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। प्रदेशभर में सुरक्षा का माहौल है। कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का खतरा नहीं है। कुछ लोग बेवजह ही सवाल उठाकर माहौल को दूषित करने में लगे है। ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

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