नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगी. इसका एलान करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व के साथ आपसी सहमति नहीं होने के कारण उन्होंने यह फैसला किया है. अपने भविष्य की भूमिका का खुलासा करते हुये उन्होंने कहा कि वह पार्टी में रहते हुए बतौर विधायक जनता के बीच पूरी तरह से सक्रिय रह कर विकास कार्यों को आगे बढ़ायेंगी. बता दें कि पिछले कुछ महीनों से आप नेतृत्व से नाराज चल रही लांबा ने 25 अप्रैल को अपनी भविष्य की योजना सार्वजनिक करने की बात कही थी.

विधायक अलका लांबा ने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए बेहद पीड़ा हो रही है कि पिछले चार महीनों से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक मुझसे बात करना जरूरी नहीं समझा. मुझे समय देना भी जरूरी नहीं समझा गया और पार्टी के हर आधिकारिक कार्यक्रम से दूर रखा गया. इसके चलते मैंने फ़ैसला किया है कि मैं आप उम्मीदवारों के प्रचार में नहीं उतरूंगी. शायद पार्टी भी ऐसा ही चाहती है.’’

अलका लांबा ने पार्टी नेतृत्व पर उन्हें नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुये कहा, ‘‘मैंने तय किया है कि मेरे और पार्टी के बीच जो कुछ भी चल रहा है, उसका शिकार मैं अपनी जनता को नही होने दूंगी. इसके लिए मैं जनता के बीच पूरी तरह से सक्रिय रहते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाती रहूंगी.’’

विधायक लांबा ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव में मदद के लिये दिल्ली बुलाने के आह्वान पर भी तंज कसते हुये कहा कि यह पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी को दर्शाता है. केजरीवाल ने ट्वीट कर देश भर के कार्यकर्ताओं को छुट्टी लेकर दिल्ली आने की अपील की थी. इस पर लांबा ने कहा, ‘‘अरविंद जी का ट्वीट देखकर बेहद दुख हो रहा है.’’

लांबा ने कहा, ‘‘आज जब हमारी सरकार है, 66 विधायक हैं, नगर निगम पार्षद है, तीन राज्यसभा सदस्य है, फिर भी आज हमें देश भर के कार्यकर्ताओं को दिल्ली आने की अपील करनी पड़ रही है.’’ उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि, ‘‘यह अपील सार्वजनिक मंच से करना, दिल्ली आप इकाई की मात्र कमज़ोरी को ही दर्शाता है. आख़िर ऐसी नौबत क्यों आई? सोचिएगा.’’

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