राहुल गांधी के सामने एक चुनौती खुद उनके परिवार को लेकर है. जैसे, कांग्रेस प्रवक्ता बने शहजाद पूनावाला पहला नाम है और सटीक उदाहरण भी है. पूनावाला ने कई सालों तक टीवी पर कांग्रेस का पक्ष सटीक ढंग से रखा. वो राहुल गांधी से मिलने का समय मांगते रहे. राहुल गांधी ने समय नहीं दिया. अंतत:, पूनावाला राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के फैसले की आलोचना करते हुए कांग्रेस से दूर हो गए. राहुल गांधी का रिश्ता अपनी बहन प्रियंका गांधी से है, लेकिन मेरी जानकारी के हिसाब से, पिछले सात महीनों से प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से राहुल गांधी ने मुलाकात नहीं की है. वो रॉबर्ट वाड्रा को पसंद नहीं करते, लेकिन आप जब किसी को बहुत कोने की तरफ फेंकते हैं, तो वो पलट कर कुछ ऐसा करता है कि परेशानियां खड़ी हो जाती हैं.

एक जानकारी के हिसाब से शहजाद पूनावाला के बयान के पीछे रॉबर्ट वाड्रा का ही हाथ था. इस बयान से थोडे समय के लिए राहुल गांधी असहज हो गए थे. अब जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हो गए हैं, तो वो अपनी बहन प्रियंका गांधी का राजनीति में कैसा, कैसे और कितना इस्तेमाल करते हैं, ये सवाल लोगों के सामने खड़ा है. कांग्रेस के जेहन में शुरू से ये द्वंद्व चल रहा था कि अगर प्रियंका गांधी चुनाव में प्रचार करने उतरती हैं, तो कांग्रेस को ज्यादा फायदा हो सकता है. प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में भी चुनाव प्रचार करने जाने वाली थीं. आखिरी वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. वो गुजरात भी जाने वाली थीं, लेकिन उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. लोग इसके पीछे राहुल गांधी के सलाहकारों के डर को देखते हैं. वो डर ये है कि अगर प्रियंका गांधी की सभाओं में भीड़ ज्यादा हुई या उनके प्रचार करने की शैली कांग्रेस के लोगों को पसंद आई तो इसका नुकसान राहुल गांधी के भविष्य पर पड़ सकता है.

ये सत्य है या नहीं, ये हम नहीं कह सकते, पर राहुल गांधी के घर से जो खबरें छन कर आती हैं, उनके नजदीक के सलाहकारों से, वे इस बात को पुष्ट करते हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रियंका गांधी ने बैक ऑफिस को बखूबी संभाला था. उनके सलाहकारों में प्रशांत किशोर सहित 40 लोगों की टीम थी, जिसने सफलतापूर्वक उत्तर प्रदेश का काम संभाला, लेकिन संपूर्ण संयोजन न होने और रणनीति के अभाव ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे कम सीट पर समेट दिया. इस चुनाव में प्रियंका गांधी का इस्तेमाल करने के बारे में राहुल गांधी और उनके सलाहकारों ने सोचा ही नहीं. शायद मां की बीमारी, भाई को लेकर भाजपा के ताबड़तोड़ हमले और राहुल गांधी की नकारात्मक छवि ने प्रियंका गांधी को भी कहीं तोड़ कर रख दिया है. इसीलिए, प्रियंका गांधी की ताजा तस्वीरें बताती हैं कि वो किसी बड़ी मानसिक उलझन में हैं. उनका चेहरा, उनकी आंखें, जो कभी देश की जनता को आकर्षित करती थीं और इंदिरा गांधी की याद दिलाती थीं, अब उसमें बहुत परिवर्तन आ गया है.

 

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