kundliचुनावी समय चल रहा है, हर कुछ दिनों में अखबारों’-चैनलों से लेकर कई प्रायवेट एजेंसियों के चुनावी सर्वे मार्केट में आ रहे हैं. इन सर्वे के अलावा ज्‍योतिष्‍ीय गणनाओं के जरिए चुनावी नतीजों की भविष्‍यवाणी करने की पंरपरा रही है. आज हम अंक गणना के जरिए बिहार के राजनैतिक भविष्‍य की चर्चा करेंगे. भारतीय जनता पार्टी की सबसे पहले बात करते हैं, क्योंकि यह एक प्रमुख पार्टी है, अभी इसके पास सबसे ज्यादा सीटें हैं.

छह अप्रैल 1980 को बनी हुई भाजपा का मूलांक छह है और भाग्यांक एक है. चूंकि उस समय 40वां वर्ष चल रहा होगा, तो उसके अनुसार, इसका आयु अंक है चार. भाजपा का नामांक दो है. अब सीधे तौर पर भाजपा के इन अंकों को चुनावी वर्षांक, लोकसभा अंक और चुनावी चलित अंक के साथ में देखते हैं. अमित शाह की बात करें, तो इनका जन्मदिन हैं, 22 अक्टूबर 1964. इनका मूलांक चार है, भाग्यांक सात और आयु अंक एक है, चुनाव के समय इनका 55वां वर्ष चल रहा होगा, तो उसका नामांक बनता है, छह.

इन दोनों के अनुसार देखें, तो चुनावी वर्षांक के साथ हमें एक प्लस मिलता है और लोकसभा अंक के साथ में आठ माइनस मिलते हैं, वहीं चुनावी चलित अंक के साथ हमें पांच प्लस मिलते हैं. कुल मिलाकर छह प्लस और आठ माइनस यानि कि दो माइनस. इस दो माइनस का मतलब यह है कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की जो स्थिति है, जो वर्तमान अवस्था है, उससे वो बहुत नीचे जाएगी. अभी 22 सीटें लेकर यह आगे है, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में इस संख्या से बहुत नीचे जाएगी. सीटों की संख्या कितनी होगी, यह एक अलग विषय है, लेकिन भाजपा के लिए दो माइनस की स्थिति बेहद हानिकारक और निराशाजनक है.

वहीं जद (यू) यानि जनता दल यूनाइटेड की बात करें तो इसका गठन हुआ था 30 अक्टूबर 2003 को. इसके अनुसार इसका मूलांक तीन, भाग्यांक नौ, आयु अंक सात और नामांक एक है. मोटे तौर पर देखा जाए तो चुनावी वर्ष इस दल के लिए बहुत अच्छा रहेगा, क्योंकि वो इसके मूलांक के वर्ष और भाग्यांक का परम मित्र है. इसलिए आयु अंक का मित्र भी है और साथ का भी मित्र है. इस दल के मुखिया नीतीश कुमार का जन्मदिन है, एक मार्च 1951.

हालांकि हमारी नजर में उनके जन्म की यह तारीख विश्वसनीय नहीं है. लेकिन अगर इसी को सही मानकर बात करें, तो इनका मूलांक एक, भाग्यांक दो और आयु अंक छह है, 69वें वर्ष के कारण और नामांक सात है. इनको लेकर अगर हम देखें, तो जो चुनावी वर्षांक तीन है, उसके साथ में ये बनाते हैं, आठ प्लस.

यह प्लस का बहुत बड़ा आंकड़ा है, जो सकारात्मक है. लोकसभा अंक जो आठ है, उसके साथ में अगर देखें तो जद (यू) और नीतीश के अंक तीन माइनस यानि कि बुरी अवस्था बताते हैं. चुनावी चलित अंक छह के साथ में जद (यू) और नीतीश कुमार का अंक बनता है, तीन प्लस. यहां पर जद (यू) के लिए आठ और तीन मिलकर बनते हैं, ग्यारह प्लस और तीन माइनस, यानि कुल मिलाकर आठ प्लस. यह बहुत अच्छी अवस्था मानी जाती है. हमने यहां केवल जद (यू) का आंकलन किया है. यह स्थिति तभी होगी, अगर जद (यू) अकेले लड़े.

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