जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ईराक और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के ऐक्शन पर ईरान ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर दर्जनों मिसाइलें दागी हैं। साथ ही अमेरिका के अंदर हमले की धमकी दी है। रक्षा सूत्रों ने एएफपी को बताया कि कम से कम नौ रॉकेट बुधवार तड़के देश के पश्चिम में स्थित इराकी एयरबेस को निशाना बनाते हुए दागे गए। रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि इसमें 80 लोग मारे गए लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इन ठिकानों पर अमेरिकी और उसके सहयोगी सेना रहते हैं। एईन अल-असद एयरबेस पर हमला पिछले हफ्ते बगदाद में ईरानी जनरल कासिम सोलेमानी और इराकी शीर्ष कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस की हत्या की प्रतिक्रिया में हुआ है।

व्हाइट हाउस ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों की लगातार निगरानी कर रहे हैं और यथास्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। इसके लिए वे राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव स्टिफेन ग्रिशम ने ट्वीट किया, “इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हुए हमले की जानकारी हमें मिल चुकी है। राष्ट्रपति पूरे मामले पर ध्यान दे रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में बने हुए हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा, “सब ठीक है। ईरान ने इराक में स्थित 2 सैन्य ठिकानों मिसाइल दागे हैं। हताहतों की संख्या और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। अब तक सब सही है। हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली और अच्छी तरह से सुसज्जित सेना है। मैं कल सुबह बयान जारी करूंगा।”

वहीं हमले को लेकर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा, “हमारे नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कायरतापूर्ण सशस्त्र हमला किया गया था। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत आत्मरक्षा में कदम उठाए हैं। हम युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन आत्मरक्षा जरुर करेंगे।”

 

दूसरी तरफ अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करके अमेरिका ने ‘सही किया है।’ पोम्पिओ ने ट्रंप के फैसले को पूरी तरह से कानूनी और तेहरान की दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से पैदा खतरे से मुकाबला करने की अमेरिका की रणनीति के अनुरूप बताते हुए इसका बचाव किया। पोम्पिओ ने विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर ईरान के खिलाफ बदले की कार्रवाई की जरूरत पड़ी, तो अमेरिका युद्ध के अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा। उनका बयान ऐसे वक्त में आया है जब ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने सुलेमानी का बदला लेने के लिए हमला किया तो अमेरिका उसके सांस्कृतिक स्थलों पर हमला करेगा। (भाषा इनपुट के साथ)

Adv from Sponsors