पाकिस्तान में कई जगहों पर पुलिस द्वारा गुप्त टार्चर सेल (यातना प्रकोष्ठ) चलाया जा रहा है. इस वजह से प्रांतीय पुलिस प्रमुखों को सख्त निर्देशों के साथ संदिग्धों को यातना नहीं देने के लिए नीतिगत दिशानिर्देश जारी करने को बाध्य होना पड़ा. डॉन न्यूज ने मंगलवार की अपनी रिपोर्ट में कहा कि निर्देशों के बावजूद भी पाकिस्तान में कई जगहों पर गुप्त टार्चर सेल चल रहे हैं. लाहौर में इसी तरह का टार्चर सेल कथित तौर पर गुर्जरपुरा स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) मोहम्मद रजा जाफरी के साथ तीन कांस्टेबलों द्वारा संचालित हो रहा है, जिसका प्रांतीय राजधानी में सोमवार को खुलासा हुआ.

वन विभाग के एक स्थानीय कार्यालय में बनाए गए सेल से दो हड़कड़ी लगाए और चार अन्य लोगों को बरामद किया है. उन्होंने कहा कि उनकी जांच के दौरान, एंटी करप्शन अधिकारियों ने चिल्लाने की आवाज सुनी तो उन्हें जंगल के बीच में उन्हें एक इमारत का पता चला और उन्होंने जो देखा उसकी फिल्म बनाई.

उन्होंने छह बंद लोगों को पाया, जिसमें से एक बिस्तर पर पड़ा था और थर्ड डिग्री टार्चर की वजह से गंभीर स्थिति में था. मोबाइल फोन में रिकॉर्ड की गई फुटेज में व्यक्ति अधिकारी से कह रहा है कि उसकी रीढ़ की हड्डी व कुल्हे बुरी तरह से फ्रैक्चर हैं और यहां तक वह बिस्तर पर भी नहीं सरक सकता. यह बिस्तर उसे वन विभाग के कर्मचारियों ने कई बार आग्रह पर दिया है.

डॉन न्यूज ने कहा कि अन्य बंदियों की कहानी भी अलग नहीं है. एक अन्य व्यक्ति जो मेक-अप व आभूषण की दुकान चलाता था, उसने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उसे उठा लिया और सेल में लाए और प्रताड़ित किया. एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि उनको अपने खिलाफ आरोपों या दाखिल किए गए मामले की जानकारी नहीं हैं.

ज्यादातर बंदियों ने कहा कि पुलिस अधिकारी रात में सिर्फ टार्चर करने के लिए आते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, “मैं स्पष्ट निर्देश के बावजूद एसएचओ व अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा टार्चर सेल चलाए जाने से हैरान हूं.”

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