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सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करके सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े कर दी हैं. सवाल उठाने वाले ये सुप्रीम के चार जज, जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ थे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मीडिया में जमकर खबरे आ रही हैं.

इस घटना के बाद आज अटार्नी जनरल नाराज़ जजों से मुलाक़ात कर सकते हैं इसके अलावा दीपक मिश्रा भी इन चार जजों से मुलाक़ात कर सकते हैं. मीडिया में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट संकट भी बताया जा रहा है. यह अपनी तरह का पहला मामला है जब सुप्रीम कोर्ट के चार जज मीडिया के सामने आये और मीडिया के सामने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर सवाल उठाया है.

मीडिया के सामने इन जजों ने एक लेटर भी जारी किया है जो उन्होंने चीफ जस्टिस को भेजा था. इस लेटर के पहले पेज पर लिखा है कि हम बेहद कष्ट के साथ आपके सामने ये मुद्दा उठाना चाहते हैं कि अदालत के कुछ फैसलों से न्यायपालिका की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. यह लेटर साथ पन्नों का है. इसके अलावा लेटर में यह भी लिखा गया है कि ऐसे कई मामले हैं जिनका देश के लिए काफी महत्व है लेकिन इन मामलो को चीफ जस्टिस ने तार्किक आधार पर देखने की बजाय अपनी पसंद की बेंचों को सौप दिया है. इसे तुरंत रोके जाने की ज़रुरत है.

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बता दें कि जजों ने अपने इस लेटर में किसी ख़ास मामले का नाम नहीं लिया है लेकिन उन्होंने जिस तरह से लेटर में अपनी बातों को लिखा है उससे ये बात साफ़ हो गयी है ऐसे कुछ मामले ज़रूर हैं जिसमें अदालत ने कुछ ऐसे फैसले ज़रूर लिए हैं जिससे अदालत के कामकाज पर सवाल उठता है.

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