राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बढ़ते हवा प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि प्रदूषण के साथ ही अब कोरोना का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी में पेड़-पौधे लगाने के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि यह योजना 12 हफ्ते के भीतर कोर्ट के सामने पेश की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली में प्रोजेक्ट के कारण वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।

प्रदूषण के साथ कोरोना वायरस का खतरा
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि केंद्र का कहना है कि वह कदम उठा रहा है, फिर भी राजधानी में प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है और कोरोनावायरस का भी खतरा मंडरा रहा है। चीफ जस्टिस ने इसपर कहा, ‘क्या करना है?’ याचिकाकर्ता नाबालिग आदित्य दुबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के संबंध में चल रही निर्माण गतिविधि भी दिल्ली में वायु प्रदूषण को बढ़ा रही है और अदालत से इसे रोकने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया।

तो टास्क फोर्स का गठन करना होगा
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर राज्य सरकारें वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत, केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू नहीं करती हैं, तो अदालत इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेगी। सीजेआई एन.वी. रमणा की अध्यक्षता वाली और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि एक स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के करीब (वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय के रूप में) … अगर राज्य कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

‘अधिकारियों को उम्मीद है कि सब अच्छा होगा’
शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि निर्देश जारी किए गए हैं और अधिकारियों को उम्मीद है कि सब अच्छा होगा। पीठ ने कहा कि लेकिन, जमीन पर रिजल्ट जीरो हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों – दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (AQMC) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया और उनसे अनुपालन रिपोर्ट मांगी।

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