safezone10 फरवरी 2018 को गया शहर के मारुफगंज मुहल्ले से जब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, उत्तर प्रदेश एटीएस और गया पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर आईएसआईएस के तीन संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा, तो पूरे गया शहर में हड़कंप मच गया. गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अनवर उर्फ मुन्ना मिस्त्री मार्बल कटर मशीन का रिपेयरिंग करता था, उसके सहयोगी मोहम्मद सम्मी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सम्मी के पास से 9 एमएम का पिस्टल भी बरामद किया गया है. पुलिस पूछताछ में सम्मी ने बताया कि वह पिस्टल मुन्ना मिस्त्री का था और उसने इसे रखने के लिए दिया था. गिरफ्तार हुआ मोहम्मद शाद स्नातक का स्टूटेंड है.

उसपर आरोप है कि उसने मुन्ना मिस्त्री के कहने पर पैसों का लेनदेन किया था, लेकिन उसकी किसी तरह की आतंकी गतिविधियों में संलिप्ता नहीं पाई गई, इसलिए पुलिस ने उसे छोड़ दिया. सुरक्षा एजेंसियों ने जब मुन्ना मिस्त्री के मोबाइल का डिटेल खंगाला और पूछताछ की तो बहुत सी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं. पुलिस का कहना है कि उसके कॉल डिटेल से जो जानकारियां मिली हैं, उसके अनुसार मुन्ना मिस्त्री व्हाटसएप के जरिए पाकिस्तान व कश्मीर के कई आतंकी संगठनों के सपर्ंक में था.

पुलिस ने यह भी बताया कि 24 से 26 फरवरी 2018 के बीच मोहम्मद अनवर कश्मीर निकलने वाला था. अनवर के पकड़े जाने से गया, जहानाबाद, रांची और कोलकता के एक बड़े आतंकी नेटवर्क का भी खुलासा हो सकता है. पुलिस का कहना है कि अनवर ने अफगानिस्तानऔर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी सर्ंपक की बात स्वीकारी है. श्रीनगर की एक मस्जिद के इमाम मौलाना बकार से इसका संपर्क था, जिसने इसे जेहाद के लिए उकसाया था. अनवर अहमदाबाद बम ब्लास्ट के आरोपी तौसीफ के संपर्क में भी था.

गौरतलब है कि गया के करमौनी में आठ सालों तक शिक्षक बनकर रहने वाले तौसीफ ने ही गया में आतंकवादियों का स्लीपर सेल तैयार किया था. तौसीफ को गया के राजेन्द्र आश्रम स्थित विष्णु साइबर कैफे के संचालक और पत्रकार अनुराग बसु की सहायता से पुलिस ने 13 सितम्बर 2017 गिरफ्तार किया था. तौसीफ इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था. उसी की निशानदेही पर दिल्ली से अब्दुल सुभान कुरैशी को पकड़ा गया था. उसके बाद कोलकता व बिहार के गोपालगंज से संदिग्ध आंतकियों की भी गिरफ्तारी हुई थी. इससे पूर्व पुलिस ने गया के मोहनपुर से इम्तेयाज को गिरफ्तार किया था. इम्तेयाज 2013 के गांधी मैदान में बम धमाके का आरोपी है. पूछताछ में इम्तेयाज ने बोधगया बम ब्लास्ट में तहसीन अख्तर का हाथ होने की बात कही थी.

हाल की गिरफ्तारी को लेकर गया के सिविल लाइन थानाध्यक्ष हरि ओझा का कहना है कि अनवर और सम्मी से पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं, उसके अनुसार आतंकी गया से जुड़े धार्मिक व पर्यटन स्थलों को निशाना बनाने की फिराक में थे. बोधगया के अलावा विष्णुपद मंदिर, गया एयरर्पोट तथा गयाको टारगेट में रखकर ये कोई योजना बना रहे थे. इन गिरफ्तारियों व खुलासों से स्पष्ट है कि मोक्ष व ज्ञान भूमि गया को आतंकियों ने अपना सेफजोन बना लिया है. गया से गिरफ्तार आतंकियों के आईएसआईएस से जुड़े होने की खबर ने देश की सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं. गौरतलब है कि 19 जनवरी 2018 को बोधगया महाबोधि मंदिर के आसपास चार शक्तिशाली बमों की बरामदगी हुई थी. उसमें पुलिस ने बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन का हाथ होने की पुष्टि की थी. उस समय बोधगया में दलाईलामा का कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें हजारों श्रद्धालु मौजूद थे.

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