माननीय प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी
नमस्कार,
आपने लोकसभा में कहा कि “मुझे 140 करोड जनसंख्या के देश की जनता के आशिर्वाद का कवच है !” यह बात गलत है ! क्योंकि अभितक के भारतीय चुनाव में किसी भी दल को शत-प्रतिशत मतदाताओं ने मत देने का कोई भी रेकॉर्ड नही है ! और रही बात आपके दल की तो उसे अभितक 31% मतो का प्रतिशत से निचे ही है ! उनसठ प्रतिशत लोग आपके सांप्रदायिकता के, और पूंजीपतियों के हितों की रक्षा करने के कारणों से आपके दल के खिलाफ हैं ! और जबतक आप गौतम अदानी जैसे लोगों की मदद करने का काम करते रहेंगे ! और 140 करोड जनसंख्या के देश में ध्रुवीकरण की राजनीति करते रहोगे ! तबतक आपको और आपके दल को शत-प्रतिशत मतदान कभी भी संभव नहीं हो सकता है ! यह वास्तव है !


अदानी समूहों के सर्वेसर्वा गौतम अदानी भी, हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के जवाब में भारत के उपर हमला कह रहा हैं ! मतलब यह देश न होकर आपकी या गौतम अदानी की प्रायव्हेट लिमिटेड कंपनी हो गया है ! हालांकि कुछ हदतक गत नौ सालों में आपकी कार्यशैली को देखते हुए ऐसा लगता जरूर है ! क्योंकि हमारे देश की प्रमुख एजेंसियों से लेकर, वित्तीय संस्थाओं, मिडिया, और अब न्यायव्यवस्था को लगातार मिल रही धमकियों से हमारे देश के जनतंत्र का आखिरी खंबो मे से एक को कमजोर करने के लिए ! विशेष रूप से लगातार कानून मंत्री, गैरकानूनी हरकतों को किए जा रहे हैं ! और इसी से तंग आकर कुछ दिनों पहले चार न्यायाधीशों ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था ! “कि हमारे उपर काफी दबाव है !” इससे पूर्व भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा कोई भी उदाहरण नज़र नहीं आता है ! क्या यह हमारी न्यायिक व्यवस्था में फैला भय का लक्षण नहीं है ?
आजसे नौ साल पहले नागपुर में,(1 दिसंबर 2014 )सीबीआई स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश ब्रजगोपाल हरकिशन लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की ! स्पेशल स्टोरी कारवान नाम के अंग्रेजी पत्रिका में 20 नवंबर 2017 के अंक में ” A Family Breaks Its Silence : Shocking details emerge in death of judge presiding over Soharabuddin trial”! This was followed, a day later, by another piece : ” Chief Justice of Maharashtra Hai Court Mohit Shah offerd Rs 100 crore to my brother for a favourable judgment in Soharabuddin case : Late Judge Loyas sister”.और अब तो इस विषय पर “Who Killed Judge Loya? ” इस टाइटल से 315 पन्नौकी एक किताब भी निरंजन टकले नाम के पत्रकार ने प्रकाशित की है ! जिसका भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुका है !

और सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस चलमेश्वर के आवास पर, दिल्ली में इसी केस को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी ! लोया भी भारत के 140 करोड जनसंख्या के देश के एक नागरिक थे ! तथा उनके मृत्यू के सिलसिले में प्रेसवार्ता करने के लिए बैठें चारों जजों की नागरिकता भारतीय ही थी ! और सबसे महत्वपूर्ण बात आजभी, ब्रजगोपाल हरकिशन लोया के सभी रिश्तेदार भी ! भारत के ही नागरिकों में शुमार होते हैं ! और जिस सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसी प्रजापति का एंनकाऊटर में हत्या कर दी गई वह भी !


और आपने अपने जीवन में पहली बार 10 अक्तुबर 2001 के दिन गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद ! 2002 के 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में एस 6 कोच में जलाये गए 59 प्रवासी भी भारतीय नागरिक थे ! और उसके बाद 28 फरवरी को उनकी लाशों को लेकर खुले ट्रकों में अहमदाबाद के सड़कों पर जुलूस निकालने वाले भी भारत के नागरिक थे ! और उन्हें यह सब कुछ करने की छूट देने वाले भी भारत के ही नागरिक थे ! जिनकी इस कृति के कारण हजारों लोगों की मौत हो गई ! और कई औरतें के साथ बलात्कार किया गया ! वह भी भारत के नागरिक थे ! और इस कारण, एकाएक आपकी चौवालिस इंची छाती छप्पन इंची बन गई ! और दंगे में शामिल बाबू बजरंगी से लेकर माया कोडनानी और हजारों की संख्या में शामिल लोग भी, भारत के नागरिक थे ! और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि आपने राजधर्म का पालन नहीं किया, और सोनिया गांधी ने आपको मौत का सौदागर कहा है ! जिन्हें आपने पांच करोड़ गुजरातना अपमान करने की बात कही है ! मरने वाले भी भारत के नागरिक थे ! और मारने वाले भी 140 करोड जनसंख्या के देश के नागरिकों में शामिल थे ! और वर्तमान समय में भारत के अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या लगभग एक चौथाई हिस्सा है ! जो आपके सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण असुरक्षित मानसिकता में जिने के लिए मजबूर है ! और वह भी भारत के नागरिकों में शामिल होते हुए ! आप भरी लोकसभा में दावा कर रहे हैं कि आपको 140 करोड जनसंख्या के सुरक्षा कवच प्राप्त है ! मतलब चालिस करोड़ से अधिक जनसंख्या असुरक्षित मानसिकता में जिने के लिए मजबूर रहते हुए ! आप 140 करोड जनसंख्या के सुरक्षा कवच का दावा कैसे कर सकते हो ?


उसी सांप्रदायिकता के आधार पर आपके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई है ! और भारतभक्त ‘गौतम अदानी’ के प्रायव्हेट जेट में बैठकर ! आपने देश के चुनाव प्रचार के इतिहास में ! सब से अधिक जनसभा को संबोधित करने का रेकॉर्ड बनाकर ! 2014 का लोकसभा में सिर्फ 31 % भारत के मतदाताओं के मतों से ! पहली बार आपको भारत के प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है ! और इसीलिये आपने लोकसभा के सिढी पर साष्टांग दंडवत करकेही प्रवेश करने की कृती ! संपूर्ण दुनिया ने देखा है ! क्योंकि आपने भी सोचा नहीं होगा कि सचमुच ही आप 130 – 35 करोड़ जन संख्या के देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच सकते हो ! लेकिन 69 % लोगों ने अलग – अलग दलों को वोट देने के कारण ही आपको 31 % वोट मिलने के बावजूद आप देश के प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्राप्त हुई !

 वहीं बात दुबारा 2019 के चुनाव प्रचार में आपके दल को 33 % ही वोट मिले ! और आप 140 करोड जनसंख्या के देश के प्रधानमंत्री बनने के कारण आज आप 140 करोड जनसंख्या के लोगों का कवच मुझे प्राप्त है ! जैसा बोल रहे हो, यह साफ गलत है ! आज भी आपको 67 % लोगों का मतलब दो-तिहाई लोग नही चाहते है “कि आप के जैसे सांप्रदायिकता के ध्रुवीकरण करकेही सत्ता में जाने की कोशिश करने वाले को 67 % लोग नहीं चाहते कि आप देश के प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त हो !” यह हमारे देश के चुनाव की प्रक्रिया की सबसे बड़ी खामियों में से एक है ! उसके बावजूद आपने भरी-पूरी लोकसभा में गलत दावा किया पेश किया है ! “कि मुझे इस देश के 140 करोड जनसंख्याका सुरक्षा कवच प्राप्त है ! राम के नाम पर राजनीतिक सफर करने वाले लोगों को, झुठ का सहारा लेना कहा तक उचित है ? क्योंकि आने वाले समय में आप को प्रभू श्रीराम के राम मंदिर का निर्माण करने के बाद ही चुनाव प्रचार जो करना है !
और कुछ क्षणों के लिए मान लिया जाये ! तो फिर 140 करोड़ जनता ने अपनी मेहनत से पसीना बहाने के बाद ! जमा किया हुआ पैसा ! जो विभिन्न बैंकों में तथा जीवन बीमा कंपनी में ! अपनी बुढापे की जिंदगी में काम आयेगा ! इस उम्मीद के साथ इसे रखने के विश्वास को, कमजोर करने की कृती ! मतलब गौतम अदानी की कंपनीयोमे पैसे लगाने का फैसला किसके कहने से लिया गया है ? और वह भी हजारों करोड़ रुपए का !
एक सामान्य आदमी अपने घर बनाने के लिये, बैंक से कर्ज लेने के पहले कितने कागजी कार्रवाई और कितनी औपचारिकताओं से गुजरता है ? और गौतम अदानी एक झटके में एक लाख करोड़ रुपये ! आसानी से इन्हीं बैंकों से कैसे और कौन सी गॅरंटी पर लेता है ? और किसके कहने पर ?
1988 में अदानी समूह अधिकृत रूप से रजिस्ट्री होता है ! और पैतिस सालों के भीतर दुनिया के तिसरे नंबर पर आ जाता है ! और भारत का पहले नंबर पर आने वाली बात ! ( हम पैदा हुए तबसे टाटा – बिर्ला यह नाम सुनते आ रहे हैं ! ) दुनिया के औद्योगिक इतिहास का अनोखा उदाहरण है !

2014 से आपने सत्ता में आने के बाद, कितने लोगों को ईडी, सीबीआई के द्वारा मनिलॉंडंरिंग के नाम पर ! छापेमारी कर के कारवाई की है ? लेकिन सबके पैसे को इकट्ठा किया तो भी ! गौतम अदानी के आर्थिक घोटालों की तुलना में एक चौथाई हिस्सा भी नहीं दिखाई देता है ! फिर भी आप भरी लोकसभा में नेहरू, गांधी से लेकर कई – कई नाम आपने लिए है ! लेकिन एक शब्द से भी गौतम अदानी का नाम न लेने की वजह क्या है ? दोनों सदनों की चर्चा तो अदानी उद्योग समूह के आर्थिक घोटालों को उजागर करने के !

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को लेकर ही तो थी ! उसका जवाब देने की जगह “तुम्हारे पांव के निचे कोई जमीन नहीं”! जैसे जुमले बाजी की जगह, अगर आप के पांवों के निचे जमीन है ! तो सिधा – सिधा जवाब दो ! इधर-उधर की बात करने में ही एक घंटे से अधिक समय गवाने का मतलब क्या है ? नरेंद्र मोदीजी आपकों दोनों सदनों में चिल्ला – चिल्ला कर बोलते हुए देखकर मुझे आप के तबीयत की चिंता होने लगी है ! क्योंकि आप सत्तर वर्ष पार कर चुके हैं ! इसलिये और भी अधिक चिंता होती है ! आपके पिछली सिटोपर बैठे हुए लोग, लाख अपनी बेंचो को थपथपाकर आपको उकसाने की कृती कर रहे थे ! लेकिन उनके अपने सत्ता के हिसाब होंगे ! लेकिन आप तो ठहरें फकिर आदमी ! नहीं आपके आगे कोई हैं ! और नही पिछे ! तो फिर यह सब, वह भी देश के नाम पर ! क्या गौतम अदानी उद्योग समूह की कंपनियों के शेयरों के मूल्य, झुठमुठ के बढाने ? और हमारे देश के लोगों की मेहनत का पैसा, इस तरह के जुआरी के हाथ में सौपना कहा तक उचित है ? आपने तो कहाँ था “कि मैं नहीं खाऊँगा और न ही किसी को खाने दूंगा !” क्या गौतम अदानी अनशन (जैनियों की भाषा में प्रायोपवेशन ) पर बैठे-बैठे ही, जो विश्व के सबसे बड़े अमिरो में शामिल हो गए ?
डॉ. सुरेश खैरनार 9 फरवरी 2023, नागपुर

 

 

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