राजनीति में ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है की जब नेता अपने लोगों को तरजीह न देकर ज़रूरतमंदों के साथ कड़ी नज़र आते हों। लेकिन प्रियंका गाँधी थोड़ी अलग राजनीति करने में विश्वास रखती हैं, इसी लिए शायद लोग उनमे बड़े नेता की छवि देखते हैं। बात अमेठी आ रहे है कार्यकर्ताओं की गाडी दुर्घटनाग्रस्त होना हो या उनसे मिलने अस्पताल मिलने पहुंचना हो। वो कभी पीछे नहीं हटती हैं। एक बार प्रियंका न बड़ा दिल दिखाया है। वो अपने तीन बड़े नेताओं के साथ प्रयागराज प्रचार के लिए पहुंची थीं। वहीँ एक माँ अपनी फ़रियाद लेकर उनके पास पहुंची। बताया की उसकी बच्ची को ट्यूमर है। बच्ची का परिवार कमला नेहरू अस्पताल में ट्यूमर के इलाज के लिए आया था और वहीँ से उन्होंने प्रियंका गांधी से संपर्क किया।

खबर लगते ही प्रियंका फ़ौरन उस परिवार से मिलने पहुंचा तो पता चला बच्ची के परिजन आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं और उसका इलाज बड़े अस्पताल में कराने में सक्षम नहीं थे। इस घटना की सूचना मिलते ही प्रियंका तुरंत एक्शन में आईं।

प्रियंका गांधी ने प्रयागराज में प्रत्याशी योगेश शुक्ला का प्रचार करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और पूर्व सांसद मोहम्मद अज़हरुद्दीन को तत्काल प्रभाव से बच्ची को दिल्ली के एम्स में उपचार कराने का आदेश दिया। आनन फानन में राजीव शुक्ला ने प्रचार बीच में छोड़ बच्ची को दिल्ली स्थित एम्स में उपचार के लिए ले जाने की कवायद शुरू की।

प्रियंका ने ये आश्वस्त कराया की बच्ची दिल्ली ठीक से पहुंचे और उनकी देखरेख में वो भर्ती भी कराई जाए। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी टीम को ये भी फरमान सुनाया की खुद प्रियंका भी वहां रहेंगी। जिसके बाद बच्ची को मोहम्मज अज़हरुदद्दीन और हार्दिक पटेल के साथ दिल्ली भेजा गया।

कांग्रेस पदाधिकारी जितेंद्र तिवारी ने बताया कि निजी विमान छह सीटर होने की वजह से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने बच्ची और उसके माता-पिता के साथ मोहम्मद अजहरुद्दीन और हार्दिक पटेल को भेज दिया। राजीव शुक्ला शुक्रवार रात को ट्रेन से दिल्ली के लिए निकलेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्थित एम्स में खुद प्रियंका गांधी बच्ची के दाखिले के समय मौजूद रहेंगी।

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