लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही सियासी दलों का चुनाव प्रचार अभियान जोर पकड़ने लगा है. सोशल मीडिया पर भी तमाम सियासी दल अपने -अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हुए हैं. ऐसे में फेसबुक पर चुनावी विज्ञापन के लिए भारी भरकम राशी खर्च की जा रही है. चुनावी विज्ञापन का बड़ा एक हिस्सा फेसबुक पर खर्च हो रहा है. जिसमें बीजेपी सबसे आगे है.

आंकड़ों के मुताबिक फरवरी और मार्च के दरम्यान में फेसबुक पर राजनीतिक दलों द्वारा विज्ञापनों के लिए 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशी खर्च की गई है. फेसबुक एड लाइब्रेरी की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है  कि साल 2019 में फरवरी और मार्च के बीच 51,810 राजनीतिक विज्ञापनों पर तक़रीबन 10.32 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए. इसमें बड़ा हिस्सा बीजेपी और उसके समर्थित चुनावी विज्ञापनों का है. फेसबुक की माने तो इनमें से ज्यादातर राजनीति और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से संबंधित थे. फेसबुक एड लाइब्रेरी के मुताबिक बीजेपी और उसके समर्थकों ने मन की बात पेज के साथ विज्ञापनों के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमाया है.

खुलासा हुआ है कि फरवरी और मार्च के दौरान भाजपा ने करीब 1,100 विज्ञापन दिए और उन पर 36.2 लाख रुपये खर्च किए. इसके साथ ही ‘माय फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ और ‘नेशन विद नमो’ जैसे पेज ने भी विज्ञापनों पर भारी भरकम राशि खर्च की है.बीजेपी के बाद कांग्रेस का नंबर आता है. कांग्रेस ने इस दौरान 410 विज्ञापन दिए और कुल 5.91 लाख रुपये खर्च किए. तो वहीं बीजू जनता दल 8.56 लाख रुपये, तेलुगु देशम पार्टी ने 1.58 लाख रुपये और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कुल 58,355 रुपये खर्च किए.

वहीं दूसरी तरफ गूगल पर विज्ञापनों पर खर्च करने के मामले में बीजेपी ने सभी सियासी दलों को पीछे छोड़ दिया है.’भारतीय पारदर्शिता रिपोर्ट’ में जहां बीजेपी पहले स्थान पर है तो वहीं कांग्रेस कांग्रेस छठे नंबर पर काबिज है.इस रिपोर्ट में फरवरी 2019 तक विज्ञापनों पर 3.76 करोड़ रुपए के खर्च की बात सामने आई है. जिसमें बीजेपी ने सबसे ज्यादा 1.21 करोड़ रुपए खर्च किये हैं तो वहीं कांग्रेस का विज्ञापनों पर खर्च मात्र 54,100 रुपए है.

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