“श्रीमद्भगवदगीता” जिसमें लिखी हर एक बात भगवान् श्रीकृष्ण के मुखार्र्विंद से निकली है. जो न सिर्फ हमारे देश में पूज्यनीय है बल्कि दुनियाभर में फैले हुए विद्वान, धर्मगुरु और वैज्ञानिक इससे प्रेरणा लेते नज़र आते हैं. लेकिन अब हम “श्रीमद्भगवदगीता” से जुडी वो बात आपको बताने जा रहे हैं जिसके बारे में न तो आपने सुना होगा और न ही कभी कल्पना की होगी. अच्छा…. तो ये बताईये क्या आपको दुनिया की सबसे ज्यादा वजन वाली “श्रीमद्भगवदगीता” के बारे में पता है नहीं …न..तो चलिए हम बताते हैं.

बताया जाता है कि 11 नवम्बर 2018 को इटली में प्रदर्शित की गई 2 फीट लंबी -9 फीट चौड़ी इस किताब को ही दुनिया की सबसे ज्यादा वजन वाली “श्रीमद्भगवदगीता” होने का ख़िताब हासिल है. जिसमें कुल 670 पन्ने हैं और इसे सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं से तैयार किया गया है. बताया जाता है कि 800 किलो ग्राम की इस किताब को बनाने में 1.5 करोड़ रूपये खर्च आया और दो साल की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया जा सका. वहीँ इसकी सबसे खास बात ये है कि इस किताब के पन्ने पलटने के लिए चार लोगों की मदद लेनी पड़ती है. वहीँ इसके कवर पेज को डिजाइन करने के लिए कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है जो सैटेलाइट बनाने के लिए भी इस्तेमाल होता है.

लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी और वजन वाली “श्रीमद्भगवदगीता” को आप जल्द ही भारत में देख पाएंगे. जी हाँ बिलकुल सही सुना आपनेक्योंकि आगामी 15 फ़रवरी दिल्ली में इस्कॉन मंदिर में इसे स्थापित किया जाने वाला है जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घान करेंगे.

गौरतलब है कि पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण के संदेशों का प्रसार करने वाली संस्था इंटरनेशनल कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन ) ने गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में इसका निर्माण करवाया है.

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