पटना: लालू प्रेम भी दिखा दिया और हर तरह से कांग्रेस को भी मना लिया लेकिन इसके बावजूद पप्पू यादव के लिए लगता है महागठबंधन से टिकट लेने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। पप्पू यादव बार बार कह रहे हैं कि एनडीए को हराना है तो सबको एक साथ आना होगा लेकिन उनके इस ज्ञान से भी उनके लिए टिकट का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि पप्पू यादव के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है। तेजस्वी के इस बयान का मतलब आसानी से लगाया जा सकता है। वैसे कांग्रेस के कई नेता लगातार पप्पू यादव की पैरवी कर रहे हैं। उनकी पत्नी और सांसद रंजीत रंजन खुद प्रयास कर रही हैं लेकिन तेजस्वी के जिद के आगे सभी लाचार हैं।

जानकार बता रहे हैं कि लालू प्रसाद भी पप्पू यादव के मामले में तेजस्वी पर कोई दबाव बनाने के मूड में नहीं हैं। पप्पू यादव ने पिछला चुनाव राजद के टिकट पर ही जीता था लेकिन उसके बाद वह लालू और राजद के कितने वफादार रहे ये बात सभी जानते हैं। तेजस्वी यादव उस दर्द को भूलना नहीं चाहते हैं। इसलिए जब भी पप्पू यादव का केस तेजस्वी की अदालत में जाता है वह इसे खारिज कर देते हैं। कई बार तो उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी पप्पू के दावे को खारिज कर दिया है।

अब पप्पू यादव की एकमात्र उम्मीद इस बात टिकी है कि अगर किसी वजह से कांग्रेस महागठबंधन से बाहर आती है तो उनका कांग्रेस के साथ तालमेल हो सकता है। लेकिन ये बात अभी अगर मगर वाली है। फिलहाल तो पप्पू यादव का सियासी रास्ता कठिन ही लगता है।

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