नई दिल्ली: देश के ७०वें गणतंत्र दिवस के मौके पर लेखिका गीता मेहता ने पद्म श्री पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए गीता मेहता ने पद्म श्री पुरस्कार लेने से इंकार किया है। ओड़िशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की बेटी गीता मेहता का कहना है कि देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और यह पुरस्कार लेने का सही समय नहीं है। हालाँकि उनका यह फैसला राजनीती से प्रेरित बताया जा रहा है क्योंकि बीते दिनों 21 लोकसभा सीटों वाले राज्य ओड़ीशा में मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक के राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन मे जाने से इंकार कर दिया था।

गीता मेहता की तरफ से जारी किए गए प्रेस स्टेटमेंट के मुताबिक वे पद्म श्री अवार्ड को लेकर सम्मानित महसूस कर रही हैं। लेकिन जब देश में जल्द ही आम चुनाव होने वाले ऐसे में उनके पद्म श्री लेने से समाज में गलत सन्देश जायेगा। दरअसल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में गीता मेहता के उल्लेखनीय योगदान को लेकर पद्म श्री सम्मान देने की घोषणा की थी।गीता मेहता को ‘फॉरेनर’ कैटिगरी में यह अवॉर्ड दिया गया है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन गीता मेहता ने कर्म कोला, राज, ए रिवर सूत्र, स्नेक्स एंड लैडर्स: ग्लिम्पसिस ऑफ मॉडर्न इंडिया और इटरनल गणेश: फ्रॉम बर्थ टू रीबर्थ जैसी किताबें लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने 14 डॉक्युमेंट्रीज़ का भी निर्माण और निर्देशन किया है।

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