बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में गर्ल्स शेल्टर होम में कई नाबालिग लड़कियों से रेप और यौन शोषण मामले में दिल्ली (Delhi) की अदालत गुरुवार को अपना फैसला सुना सकती है. यह मामला बिहार के शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप (Rape) से जुड़ा है. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट के बाद ये खुलासा हुआ था. इस मामले में शेल्टर होम का संचालक बृजेश ठाकुर प्रमुख आरोपी है. अदालत ने इससे पहले 12 दिसंबर तक के लिए फैसले को टाल दिया था क्योंकि वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद 20 आरोपियों को दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल के चलते कोर्ट नहीं लाया जा सका था. कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को मामले में आरोप तय किए थे. आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं.

मामले में कुल 22 लोग हैं आरोपी
इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के अंतर्गत आरोप तय किये थे. आरोप है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप हुआ था, वो ब्रजेश ठाकुर का है. इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी हैं.

बिहार से दिल्ली किया केस ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को सात फरवरी को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था. जिसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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