संसद के मानसून सेशन के तीसरे हफ्ते का कामकाज शुरू हो गया है। टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु को लोकसभा में बधाई दी गई। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सिंधु ने दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया है।

वहीं संसद में जारी गतिरोध पर सरकार का कहना है कि विपक्ष जान बूझकर संसद सत्र को नहीं चलने देना चाहता है और बार-बार हमारी कोशिश करने के बाद भी अपनी मांगों से पीछे नहीं हट रहा है। बता दें कि प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।

वहीं सरकारी सूत्रों के अनुसार पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्ष के गतिरोध की वजह से मानसून सत्र में संसद के बाधित होने की वजह से जनता के 133 करोड़ से ज्यादा रुपये बर्बाद हुए हैं। सूत्रों के अनुसार संसद के गतिरोध की वजह से लोकसभा में संभावित 54 में से केवल 7 घंटे काम हुआ, जबकि राज्यसभा में संभावित 53 में से 11 घंटे काम किया।

पेगासस मसले पर कांग्रेस सांसदों का स्थगन प्रस्ताव
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भेजा है। वहीं, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी पेगासस मसले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री या गृहमंत्री के मौजूद रहने की मांग की है।

कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस
CPI (M) के सांसद एलाराम करीम ने भी इसी मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस भेजा है। वहीं, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है।

लोकसभा में ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, 2021 हो सकता है पेश
इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी सोमवार को लोकसभा में ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, 2021 पेश करेंगी, जो न्याय वितरण प्रणाली को कारगर बनाने का काम करेगा। वहीं राज्यसभा में आज संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 और अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021 सहित महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी चर्चा होगी।

बीते दो हफ्ते में संसद में 18 घंटे ही हुआ कामकाज
संसद का मानसून सेशन 19 जुलाई से शुरू हुआ। बीते दो हफ्ते में दोनों सदनों को मिलाकर 18 घंटे ही कामकाज हो सका, जो कि 107 घंटे होना चाहिए था। लोकसभा में 7 घंटे और राज्यसभा में 11 घंटे कामकाज हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, कामकाज न होने से टैक्सपेयर्स का 133 करोड़ रुपये से अधिका का नुकसान हुआ है।

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