प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। उन्होंने यहां गर्भगृह में करीब 15 मिनट तक पूजन किया, फिर मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य के हाल ही में बने समाधि स्थल पर शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। ये प्रतिमा 12 फुट लंबी और 35 टन वजनी है। पीएम ने यहां के विकास कार्यों की समीक्षा भी की।

केदारनाथ धाम में पीएम ने कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। इस दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। इसके बाद ‘जय बाबा केदार’ के उद्घोष के साथ पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया।

भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का अलौकिक दृश्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे। आदि शंकराचार्य का जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था। आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन: स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है। कहा कि जात-पात के भेदभाव से हमारा कोई सरोकार नहीं है। एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके में देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।

अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था
मोदी ने कहा, ‘बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अपने आप को रोक नहीं पाया था। मैं यहां दौड़ा चला आया था। मैंने अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था, उस दर्द को सहा था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ।

तीर्थस्थलों की यात्रा, सिर्फ सैर-सपाटा नहीं
मैं समझता हूं कि आज के दौर में आदि शंकराचार्य का सिद्धांत और ज्यादा पारंपरिक हो गया है। हमारे यहां तीर्थस्थलों की यात्रा, तीर्थाटन को जीवनकाल का हिस्सा माना गया है। यह हमारे लिए सिर्फ सैर-सपाटा नहीं है। यह भारत का दर्शन कराने वाली जीवंत परंपरा है। हमारे यहां व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन में एक बार चारधाम यात्रा जरूर कर लें, गंगा में एक बार डुबकी लगा लें।

यहां की मिट्‌टी ने मुझे पाला-पोसा
बाबा केदारनाथ ने, संतों के आशीर्वाद और यहां की मिट्‌टी ने मुझे पाला-पोसा था अगर उसकी सेवा करने का अवसर मिले तो इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मुझे पता है कि यहां बर्फबारी के बीच भी मेरे हमारे श्रमिक भाई-बहन ईश्वरीय कार्य मान कर भी माइनस टेम्परेचर के बीच भी काम करते थे, तब जाकर यह काम हो पाया है। बीच-बीच में मैं ड्रोन की मदद से यहां काम की बारीकियों को देखता था।

विश्व कल्याण की कामना की
प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम की परिक्रमा की और विश्व कल्याण की कामना की। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी धाम में जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं।

PM केदारनाथ में करोड़ों के प्रोजेक्ट्स का करेंगे शिलान्यास और उद्घाटन
प्रधानमंत्री केदारनाथ में 150 करोड़ रुपए की लागत से शुरू होने वाले कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। वे उत्तराखंड में करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए अलग-अलग बुनियादी ढांचों का भी उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी केदारनाथ में लगभग साढ़े तीन घंटे रहेंगे। वे सुबह 11.15 बजे केदारनाथ से रवाना होंगे।

करीब 15 मिनट तक प्रधानमंत्री ने की पूजा
करीब 15 मिनट तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा की।

 

 

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