रांची में इकट्ठे सभी साथियों को क्रांतिकारी अभिवादन ! और महाराष्ट्र के नववर्ष गुढी पाडवा की हार्दिक शुभकामनाएं !
मैं अपनी पारिवारिक समस्या के कारण आप सबके साथ रांची में नहीं रहने के लिए माफी चाहता हूँ !
आज हमारी प्रक्रिया शुरु होकर छ महीनों से भी अधिक समय हो रहा है ! इस प्रक्रिया के एक सदस्य के रूप में मेरा आकलन है ! “कि हम लोग अभी भी अंधेरे में टटोलने जैसे चल रहे हैं !” और कोल्हू के बैल की तरह गोल – गोल घुम रहे है ! कोई ठोस कदम उठाए हैं ! ऐसा लगता नहीं है ! अभितक मै बनारस, खादीग्राम, दिल्ली के कार्यक्रमों में शामिल रहा हूँ ! लेकिन हरबार उन्हीं मुद्दों के उपर चर्चा करने के अलावा कोई आगे बढ़ने का हो नही रहा है !


हमें नुकीले मुद्दों को लेकर लोगों में जाना चाहीए, जो लोगों को झकझोर सके ! जिस तरह से 1974 में भ्रष्टाचार का मुद्दे पर संपूर्ण आंदोलन खड़ा हुआ था ! मैंने लगभग हर बैठक में मेरे विचार रखे हैं ! और हरबार यही कहा है ! कि “किसी एक मुद्दा को लो जो तुफान खडा कर सके ! उदाहरण के लिए हिंडेनबर्ग रिपोर्ट ! विश्व के औद्योगिक इतिहास में का अबतक का सबसे बड़ा घोटाला हिंडेनबर्ग ने दो साल की मेहनत के बाद उसे प्रकाशित किया है ! गौतम अदानी की पैतिस साल के भीतर और सबसे तेज गति से 2001 के बाद नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बनने के बाद ! नरेंद्र मोदी ने बेपरवाह होकर इस आदमी को मदद की है ! और देखते – देखते दुनिया का तीन नंबर का ! और एशिया का पहले नंबर का ! धन्नासेठ कैसे बना है ? जो कि आर्थिक मंदी के दौर में यह आदमी इतना अमीर बनने के बारे में ही हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में कुछ जानकारी है !

Click here to read the full report: Adani Group_ How The World’s 3rd Richest Man Is Pulling The Largest Con In Corporate History – Hindenburg Research

और इसीलिये बीजेपी संसद चलने नही दे रही है ! और विरोधियों की जेपीसी की मांग को अनदेखा कर रहे हैं ! और वह कुछ भी हो जाए लेकिन जेपीसी का गठन किसी भी तरह से नहीं करेंगे ! क्योंकि अदानी के साथ नरेंद्र मोदी के आर्थिक साठगांठ है ! और इसीलिये नरेंद्र मोदी अपनी राजनीतिक कब्र खोदने की गलती कभी भी नहीं करेंगे ! इसलिए जनता के बीच जाकर यह सब बताने का निर्णय इस संमेलन से करेंगे इस उम्मीद के साथ इसे आपको पोस्ट कर रहा हूँ !


भीडके मानसशास्र की समझ रहना कइयों के लिए विशेष रूप से बहुत ही फायदेमंद होती है ! और मुख्यतः जो लोग सत्ता की राजनीति के खिलाडी होते हैं, और जो बारह महीनों चौबीसों घण्टे समूची जनता के दिलों-दिमाग पर राज करने हेतु ! उनके दिलों को जितने हेतु ! सतत प्रयास करते रहते हैं ! और इसी कारण दुनिया के तथाकथित यशस्वी लोग धर्म प्रवर्तक,विभिन्न साम्राज्यों के संस्थापक, विभिन्न विचारों के निष्ठावान अनुयाइयों और सभी मशहूर राजनीतिज्ञ यह सभी बहुत बडे मानसशास्र के जानकार लोग रहे हैं ! और भीड की रचनाको जन्मतः इन्हें समझने में आसानी होती है ! और उसीके बल पर वह आहिस्ता -आहिस्ता अपना जादू इस भीड़ के उपर करने मे कामयाब होते हैं !
और सबसे ज्यादा जरूरत राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने वाले लोगों के लिए ! यह पूर्वशर्त होती है ! कि जो जनभावनाओ पर अपनी पकड मजबूत करने मे कामयाब होते हैं ! वही भीड पर कब्जा करके सत्ता पर भी कब्जा कर सकते हैं !


जबरदस्त इच्छाशक्ति यह हिटलर के प्रमुख गुणोंमेसे एक था ! और उसके आसपास पैदा हुए लेनिन,स्टालिन, मुसोलिनी और माओ इसी जबरदस्त इच्छाशक्ति से सराबोर लोग थे ! और भारत में भी बीसवीं सदी में ! यानी सौ साल होने मे सिर्फ दो साल बांकी है ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना ! हूबहू हिटलर के स्टाॅर्म स्टुपर्स और मुसोलिनी के बलाल नाम के स्वयंसेवक संघ की स्थापनाके तर्जपर की गई है ! और इक्कीसवीं सदी के शुरूके पहले गुजरात नाम के राज्य में पर्याप्त मात्रा में जर्मनी और इटली की तर्ज पर एक विशेष समुदाय के लोगों का नरसंहार सुनियोजित तरीके से करने का प्रयोग किया गया है ! और वही से गुजरात माडल नाम का शब्द गत इक्कीस साल से लगातार बोला जा रहा है ! अरबी समुद्र तट के पस्चिमी भारत के गुजरात से आज बंगाल की खाड़ी के पस्चिमी बंगाल में 2021 के शुरू से ही खुब जोर शोर से बोला जा रहा है कि गुजरात माडल गुजरात माडल !


हिटलर चॅन्सलर होने के सौ साल पहले ! बर्लिन विश्वविद्यालय के अपने भाषण में, हीगेलने दुनिया के इतिहास में ! आने वाले दिनों मे स्थान निर्माण करने वाले व्यक्ति के संदर्भ मे कहा था ! “कि इस तरह के सामर्थ्यवान विभूतिको, असंख्य निष्पाप फुलो को अपने पैरों तले कुचलते हुए ! रास्ते में आने वाली हर तरह की रुकावटों की इटसे इट बजाते हुए आगे बढना पडता है !
हिटलर ने हीगेल पढा था कि नहीं पता नहीं ! लेकिन हिटलर के चाल ढाल जन्म से ही नेता जैसे थी ! नेतृव के लिए ही अपना जन्म हुआ है ऐसी उसकी धारणा और आत्मविश्वास था ! 1930 को सत्ता में आने के बाद उसने कहा था ! कि “भविष्य के आदेश मुझे मेरे अंदर से ही मिलते हैं ! और मैं निंद मे चलनेवाले आदमी के आत्मविश्वास के तरह चलता हूँ !”


27 फरवरी 2002 की सुबह को ! साबरमती एक्सप्रेस के एस – 6, कोच में गोधरा रेल्वे स्टेशन पर आग लगने के बाद ! तुरंत नरेंद्र मोदी जीने गोधरा पहुंचकर, अधजले शवोको आधे-अधुरे पोस्टमार्टम रोककर ! और गोधरा की महिला जिलाधिकारी श्रीमती जयती रवि के मना करने के बावजूद, उनके मातहत मामलेदार को पकडकर अधजले शवों को देने की औपचारिकता हडबडी में कर के ! विएचपी के प्रदेश अध्यक्ष जयदीप पटेल के कब्जे में सभी शवोंको ओपन ट्रको मे लादकर ! अहमदाबाद की सडकों पर जुलुस निकालने के लिए ! विशेष रूप से सौपने का काम किया है !


क्या साबरमती एक्सप्रेस में अधजले शवो के जुलुस से गुजरात की शांति और सद्भावना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था ? क्यों एस आय टी और जस्टिस नानावटी ने इतने संगीन अपराध के मामले की जांच नहीं की ? और नरेंद्र मोदी को इस बारे में क्यों जवाब – तलब नही किया ? मै खुद नानावटी कमिशन मे मेरे वकील मित्र मुकुल सिन्हा के साथ चार – पांच बार गया हूँ ! नानावटी के जांच करने का तौर तरीका देखने के बाद ! मैंने मुकुलभाई को बोला “कि इस तरह की जांच देखने के बाद मुझे मास्को ट्रायल की पढी बातें याद आ रही है ! नानावटी तो सिर्फ नरेंद्र मोदी को क्लिनचिट देने की कोशिश कर रहे हैं !”
गोधरा कांड के बाद नरेंद्र मोदी ने पुलिस – प्रशासन तथा सेनाओं की आडमे जीस तरह से ! संपूर्ण दंगे को होने देने की करतूतों की ! इमानदारी से जांच करने जायेंगे ! तो शायद भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री को न्यूरेमबर्ग जैसे मुकदमा चलाने की आवश्यकता है ! फासीवाद की संतानें हालांकि पृथ्वी के ऊपर से लुप्त नहीं हुई है ! वह काली ताकतें, जिन्होंने एक समय मुसोलीनी और हिटलर पैदा किया था अभी भी नरेंद्र मोदी जैसे लोगों के रूप में जिन्दा है और सक्रिय है !


और श्याम को गांधीनगर की कैबिनेट मिटिंग में नरेंद्र मोदी ने कहा ! “कि कल से गुजरात में जो भी कुछ होगा उसे रोकने का काम कोई भी नहीं करेंगे !” इस बात का सबूत संजीव भट्ट जो की उसीका खामियाजा जेल में रहकर भुगतना पड़ रहा है ! और हरेन पंड्या ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के जांच दल को बताया है जो क्राइम अगेंस्ट ह्यूमानिटी नामसे प्रकाशित है ! और दुसरे तत्कालीन डीआईजी श्री. आर. बी. श्रीकुमार जो बाद में कॅटकी तरफसे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के बावजूद ! गुजरात के पुलिस महानिदेशक पदपर आसिन हुए थे ! और अपनी ‘गुजरात बिहाइंड कर्टन’ नाम की किताब मे इन सब बातो का विस्तृत वर्णन किया है ! और किताब पढनेके बाद मैंने जब उनके साथ हालहिमे फोन पर बात की ! तो उन्होंने कहा “कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय मे याचिका दायर की है !” और मुझे इमेल पर भी उनकी तफसील से लिखित सूचना प्राप्त हुईं हैं !


हिटलर को एक निसर्गदत्त वरदान मिला हुआ था ! कि कौनसे प्रसंग से किस तरह से किसी प्रसंग या घटना से अपने आप को प्रस्थापित करने के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं ! और बिल्कुल नरेंद्र मोदी जी को भी (10अक्तूबर 2001 मे) मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण के बाद ! आपको संपूर्ण गुजरात में एक भी विधान सभा चुनाव के लिए सुरक्षित जगह नहीं थी ! क्योंकी वह जिस खाँसी तेली समाज से आते हैं ! उसके संपूर्ण गुजरात में दो प्रतिशत भी मतदाता नहीं है ! और सबसे हैरानी की बात नरेंद्र मोदी जी को भी इसके पहले ग्राम पंचायत का चुनाव लढने का भी अनुभव नहीं था !

 तो केसुभाई पटेलके खिलाफ चल रही बगावत को ! तात्कालिक तौर पर पर्यायी उम्मीदवार के रूप में, किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहने वाले नरेंद्र मोदी जी को ! क्रिकेट के खेल में जिस तरह से श्याम के समय खेल के आखिरी ओवरों के समय भेजा जानेवाले खिलाड़ि को नाइट वाॅचमन के तौर पर भेजा हुआ खिलाडी कहा जाता है ! शपथग्रहण के बाद पहली प्रेसवार्ता में नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों को कहा कि “मै वन डे मैच का खेल खेलनेके लिए नहीं आया हूँ ! मै टेस्ट मैच का खिलाड़ी हूँ !” भेजा गया मुख्यमंत्री ने अपने आप को प्रस्थापित करने के लिए ! विशेष रूप से गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात के दंगे नरेंद्र मोदी जी की चालीस या चौवालिस इंची छाती का आकार ! दो हजार से भी अधिक लोगों को मारे जाने के बाद ! अचानक छप्पन इंच के आकार में हर मायने मे तब्दील कर दिया गया है ! और एक नया हिंदूहृदयसम्राट का जन्म हुआ ! सुबह गोधरा की खबर सुनने के बाद उन्होंने दूरदर्शन के अपने संबोधन जिसे राज्य सरकार के सूचना विभाग ने प्रकाशित किये हुए प्रसारण में कहा कि ” मै गुजरात की जनता को यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि इसके आगे इसतरह की कोई भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ! जिसने किसिने इस घटना को अंजाम दिया होगा उसे बक्शा नही जायेगा उसे ऐसा सबक सिखाया जायेगा कि वह इस तरह की हरकत दोबारा नहीं कर सकता ! और इसी तरह की घोषणा उन्होंने विधानसभा में कहा कि “राज्य सरकारने इस जधन्य घटना को बहुत ही गंभीर रूप से लिया है ! और सरकार की तरफसे इसके प्रतिकार का कदम उठाते हुए ऐलान करता हूँ ! कि भविष्य में ऐसी कोई भी घटना नहीं हो ! ” वैसे देखा जाए तो इस तरह की बातें एक राज्य प्रमुख के मुहँपर शोभा नहीं देतीं है ! क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपने पद की शपथ लेते हुए यह घोषणा की थी कि ” मैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी आजसे गुजरात के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते हुए यह आश्वस्त करता हूँ कि गुजरात में रहने वाले हर जाति – धर्म तथा किसी भी तरह का भेद – भाव न करते हुए निस्पक्षता से अपने पद की जिम्मेदारी का निर्वाह करुंगा ! ”

यह शपथ और 27 फरवरी 2002 के दिन दूरदर्शन से लेकर विधानसभा में दिए गए वक्तव्य से मुख्यमंत्री की शपथ का उल्लंघन है ! जिस बात का सज्ञान गुजरात दंगों के जांच दल के अध्यक्ष पूर्व न्यायमूर्ति श्री. जी. टी. नानावटी और सर्वोच्च न्यायालय के तरफसे भेजे गए एस आई टी के प्रमुख डॉ. आर. के. राघवन ( पूर्व संचालक सीबीआय ) ने इतने संगीन मुद्दे को अनदेखा किया ! और इसी कारण उन्हें क्लिनचिट भी दी गई है ! और सबसे अहम बात नरेंद्र मोदीजी ने खुद ही 27 फरवरी को दोपहर के बाद भारत की सेना भेजने का खत लिखा ! ( कानून खाना पूरी करने के लिए ) और उस कारण 28 फरवरी कि श्याम से जोधपुर के बेस से साठ से अधिक विमान के उडाने लेकर लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह गुजरात पहुंच चुके थे ! लेकिन उन्हें लोकल लॉजिस्टिक के लिए, अहमदाबाद के कलक्टर,से लेकर कमिश्नर, गृहसचिव, मुख्य सचिव मेसे किसी ने भी फोन उठाने का कष्ट किया नही ! आखिर में रात के दो बजने के आसपास लेफ्टनंट जनरल जमीरूद्दीन शाह अपने साथ लाई जिप्सी और स्थानीय गाइड और ड्राइवर की मदद से खुद गांधीनगर के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच कर देखा !

कि नरेंद्र मोदीजी और तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नाडिस खाना खाने के लिए बैठें थे ! और उन्होंने इन्हें भी जॉईन होने के लिए कहा ! और खाना खाते समय लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह ने कहा कि ! “मै श्याम से अहमदाबाद एअरपोर्ट पर तीन हजार जवानों को लेकर उतरने के पहले हवाई जहाज से देखा हूँ ! गुजरात जल रहा है ! हमारे जवानों को अगर लोकल लॉजिस्टिक्स मिल गए होते तो हमने अभी तक कुछ कामयाबी हासिल की होती ! लेकिन कलक्टर, कमिश्नर, गृहसचिव, मुख्य सचिव सभी को फोन करके कोई जवाब नहीं मिला है ! यह बात बहुत ही हैरानी की लगने के कारण ही मै सिधा यहां चला आ रहा हूँ !” तो जॉर्ज फर्नाडिस ने नरेंद्र मोदी को लोकल मदद देने के लिए कहा ! जॉर्ज फर्नाडिस 1 मार्च 2002 के सुबह एअरपोर्ट जाकर तीन हजार जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि! ” गुजरात की शांति बहाल करने के लिए जो भी कुछ करना होगा सब कुछ किजिए !” लेकिन उनके जाने के बाद भी और दो दिनों तक सेना के जवानों को अहमदाबाद एअरपोर्ट के बाहर निकलने नही दिया ! पुलवामा से लेकर डोकलाम के जवानों को लेकर कोई भी बोला तो तुरंत सेना का मनोबल कम करने का और भारत की सेना के अपमानित करने का आरोप लगाते हैं ! गुजरात में नरेंद्र मोदी के कहने पर सेना पहुंच गई ! और उसे तीन दिन तक एअरपोर्ट के बाहर नहीं आने देनें की बात कितनी संगीन है !

जो खुद लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह और आर बी श्रीकुमार जैसे जांबाज अफसर कह रहे है ! और नानावटी से लेकर रघुरामनतक मालूम रहते हुए इन दोनों ने जानबूझकर अनदेखी की है ! और सबसे महत्वपूर्ण बात तत्कालीन भारत के रक्षामंत्री ! खुद अपनी आंखों से अहमदाबाद में सेना को देखकर लौटने के बाद भी ! उन्होंने लोकसभा में गुजरात दंगों के समर्थन में भाषण दिया है ! और भारतीय सेना के साथ इस व्यवहार पर नरेंद्र मोदी को तुरंत जेल भेज सकते थे ! लेकिन संपूर्ण मशिनरी को अपनी मनमर्जी से उनका इस्तेमाल करना यही गुजरात मॉडल है !

गुजरात दंगा शतप्रतिशत सरकार पुरस्कृत दंगा रहने के बावजूद ! नरेंद्र मोदी जेल की जगह भारत के सर्वोच्च पद पर बैठना ! और पांच – पांच हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमित शाह ! देश की कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाले बनाने के पिछे ! नरेंद्र मोदी समस्त विश्व को क्या मेसेज देना चाहते हैं ? और वह प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव से लेकर समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में के आरोप में गिरफ्तार रही है ! आज भोपाल से संसद में बैठ कर गोडसे सच्चा राष्ट्रभक्त जैसे और राहुल गांधी की नागरिकता खत्म करने जैसे जुमले इस्तेमाल कर रही है ! जो खुद आतंकवाद के केस में आरोपी है और अभी तबियत के नाम पर जमानत पर है !


बिल्कुल जर्मनी में हिटलर के जू द्वेष के जैसे ! ( 60 लाख से अधिक यहुदीयो को मौत के घाट उतार दिया था !) भारत में संघ परिवार अपनी स्थापना के समय से ही ! मुसलमानों,क्रिस्चियन और कम्यूनिस्टो के खिलाफ ! 1925 से शाखाओमे बौद्धिक गित और खेल के द्वारा स्वयंसेवकों को यह हमारे तीन शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का काम किया है ! और आज उसी शाखाओं के पैदाइश ! नरेंद्र मोदी,अमित शाह,प्रज्ञा सिंह आदि स्वयंसेवक ! देश के विभिन्न संविधानिक पदोपर बैठकर ! संघ की तत्वप्रणाली को अमलीजामा पहनाने के लिए विशेष रूप से लगे हुए हैं ! और उनके एक – एक निर्णय फिर वह सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बेचने से लेकर ! देश की सभी जल – जंगल- जमीन को प्रायवेट सेक्टर में देने से लेकर ! अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने का ! गोलवलकर गुरूजी-सावरकर के विचारों के अनुसार आसाम के नागरिकता कानून को संपूर्ण देश में लागू करने की तथाकथित एन आर सी का कानून वही बात है ! और सेक्युलरिज्म, समाजवाद या कम्युनिझम का विरोध अल्पसंख्यक विरोध जैसे ही है ! और उनके सपनों का भारत मे ! संविधान की जगह मनुस्मृतिको लागू करने से लेकर ! देश की आधी आबादी महिलाओकी जिम्मेदारी सिर्फ बच्चोकी पैदाइश से लेकर, परवरिश करना और दलित,आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने अपने चातुर्वण के हिसाब से ही रहना यही बात है !

काफी कुछ हिटलर से मिलता जुलता है ! उसने ब्रिटिश और फ्रेंच जनता को कम्युनिझमका लगने वाले डर को जर्मनी में बहुत चतुराई से इस्तेमाल किया है ! और जानबूझ कर जर्मनी की तथाकथित लोकशाही यंत्रणा को यथावत रखने की विशेष व्यवस्था की है ! और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाकी भनक तक नहीं लगने दी ! जर्मनी की प्रथम युद्ध में हुई हार का गुस्सा जर्मनी के लोगों मे बढानेका काम ! और उसके लिए यहूदियों को दोषी ठहराने के मुद्दों पर ! बहुत ही कम समय में जर्मनी की ड्यूमा (पार्लियामेंट) तक का सफर तय किया है ! और उसके लिये एस एस स्वंयंमसेवक से लेकर ! अपने नाझी दल के लोगों को बखूबी इस्तेमाल किया है ! और कमाल की बात !

औद्योगिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विकसित समाज ! जिसमें कार्ल मार्क्स से लेकर, सिग्मंड फ्रायड,अल्बर्ट आइनस्टाइन, एरिक फ्रॉम, सिमोन द बोआर, जा पॉल सात्र, अॉर्थर कोस्लर, शूमाखर जैसे विलक्षण प्रतिभाशाली लोगों के भूमि पर रहते हुए ! हिटलर और मुसोलिनी,स्टालिन जैसे तानाशाह पनपते हैं ! और औद्योगीकरण के बाद के यूरोपियन समुदाय के लोगों को अपने फासिस्ट विचारधारा पर चलने के लिए प्रेरित किया है ! और काफी हद तक वह अपने मकसद में कामयाब हो रहा था ! इसीलिए मरने के पहले जनमत संग्रह में उसे 99% मत वह भी समस्त विश्व को कब्जे में करने के लिए ! विशेष रूप से !


बिलकुल महात्मा गाँधी और सरदार पटेल के गुजरात को जो तथाकथित गुजरात माडल नाम का शब्द गत इक्कीस साल से लगातार बोला जा रहा है ! और वह भी भारत जैसे गौतम बुद्ध-महावीर अशोक और हाल के महात्मा गाँधी जैसे लोगों की भूमि में ! नरेंद्र मोदी जैसा तानाशाह ! बिमारी के स्तर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को तिरस्कृत मानसिकता से देखने वाला आदमी ! लगभग दुनिया के सभी धर्म के लोगों के रहवासियों के भारत में प्रधानमंत्री बनना बिलकुल जर्मनी की याद दिला रहा है !
और इन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए जर्मन पूंजीपतियों ने जिस तरह से अपनी थैलियों को खोल दिया था ! बिलकुल भारत के पूंजीपतियों ने भी आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ! और सबसे अमीर पार्टी ! जिसकी शुरुआत आजसे सिर्फ चालीस साल पहले हुई है ! और जब यह पार्टी शुरु हुई ! तब इसके कुल सदस्यों की संख्या लोकसभा में सिर्फ दो थी ! और भारत की तीन चौथाई हिस्से में इसका अस्तित्व नहीं के बराबर था ! और वह भी एक विशेष समुदाय के लोगों का ! चंद व्यावसायिक और कुछ उंची जाति के लोग छोड़ कर और कोई नहीं था !


लेकिन गुजरात दंगों के बाद ! सबसे पहले गौतम अदानी ने खुल कर नरेंद्र मोदी को समर्थन देने की शुरुआत की है ! तथाकथित व्हायब्रंट गुजरात जैसा इव्हेंट गौतम अदानी ने ही दंगे के बाद गुजरात में आयोजित किया है ! और 2013 के चुनाव प्रचार के लिए विशेष रूप से नरेंद्र मोदी को अपने प्रायव्हेट जेट विमान को चारसौ से अधिक सभाओं के लिए दिया है ! और पैसा कितना खर्च किया वह अलग बात है ! और भारतीय मिडिया को खरीदने की वजह से ! पूरा मामला जर्मनी में डॉ. गोएबल्स के जैसा एक तरफा करने की वजह से ही आज लोगों में भी जबरदस्त सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में कामयाब हुए हैं ! और उसी वजह से ही आज लोग मंदिर-मस्जिद के सहारे आज की तारीख में भारत के हर जाति के लोग इस पार्टी की जय-जय कार कर रहे हैं ! और अब बंगाल के लिए ! विशेष रूप से गत वर्ष भर से भी ज्यादा समय से बहुत सुनियोजित तरीके से ! बंगाल के लिए यूहरचना करके नमशुद्रो से लेकर ! बंगंला देश से आये हुए शरणार्थियों को ! एन आर सी का लालच देकर ! और वर्तमान सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस के ! आये दिन नेता से लेकर कार्यकर्ताओं को अलग अलग तरह से प्रलोभन देकर ! तो ईडी,आय बी,सीबीआई जैसे सेंट्रल एजेंसियों का इस्तेमाल करते हुए डरा धमका कर ! दलबदलू, कोविद बिमारी से भी ज्यादा ! प्रभावशाली रचना कर के ! संपूर्ण बंगाल को अभी से युद्ध भूमि में तब्दील कर दिया है ! और उसके बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपि नड्डा दावा कर रहे हैं ! “कि कैसे हम पार्टी वुइथ डिफरेंस है !” और देश के अन्य विरोधी दलों के नेताओं को ईडी आई बी सीबीआई इन्कम टॅक्स और दुनिया भर की पुरानी बंद केसेस को निकालने का सिलसिला शुरू कर के समस्त विरोधीयो को डरा धमकाने का चल रहा है !


क्योंकि बटवारे के पचहत्तर साल के बावजूद ! बंगाल में इतना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की प्रक्रिया कभी भी नहीं हुई थी ! लेकिन जबसे संघ परिवार ! और अब कुछ समय से ! मुख्य रूप से 2014 के चुनाव के बाद ! बीजेपी लगातार बंगाल में यह कोशिश कर रहे हैं ! और अब बंगाल के लोगों मे कुछ हदतक उसे कामयाबी भी मिल रही है ! क्योंकि वर्तमान सत्ताधारी दल, तृणमूल और उसके पहले भी पैतीस सालों से वामपंथी दलों की ! कुछ गलतीयोको भुनाकर, बीजेपी अपने आप को प्रस्थापित करने के लिए ! विशेष रूप कामयाबी हासिल कर रहे हैं ! और शायद बटवारेके जख्म को हरा कर के ! बंगाल का गुजरात माडल बनाने मे कामयाब भी हो सकते हैं !


गुजरात दंगों के 21 सालों के बाद ! भारत में सांम्प्रदायिक तनाव फैलाने मे, संघ परिवार और उसके राजनीतिक इकाई को ! लगभग कमधीक प्रमाणमे संपूर्ण भारत में ही ! ध्रुवीकरण की प्रक्रिया करते हुए ! और रोजगार के अवसर,किसानों की समस्याओं को लेकर विभिन्न आंदोलन जारी है ! लेकिन सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के कारण पंजाब में अमृतपाल के मुद्दे को ही लीजिए इसे जानबूझकर किसानों के आंदोलनों के तरफसे ध्यान भटकाने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत उछाला जा रहा है ! अस्सी वाले दशक में भिंद्रनवाले को इंदिरा गाँधी ने इसि तरह इस्तेमाल किया था !
गौतम अदानी के औद्योगिक साम्राज्य का विस्तार पिछले नौ सालों के भीतर कैसे हुआ है ? यह 24 जनवरी 2023 के दिन ! हिंडेनबर्ग रिपोर्ट ने ! और इसके पहले भी इकॉनमिक क्षेत्र की पत्र – पत्रिकाओं ने समय-समय पर प्रकाशित करते हुए ! 1988 में अहमदाबाद के स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन किए गए अदानी उद्योग का पैतिस सालों में से ! पिछले बाइस सालों से ( अक्तुबर 2001 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद ! ) जो विकास हुआ है ! वह कोरोना और नोटबंदी जैसे ! आर्थिक कमरतोड़ करने वाली घटनाओं के बावजूद ! अदानी उद्योग समूह के समृद्ध बनने की रहस्यमय गति को ! कुछ हदतक हिंडेनबर्ग के रिपोर्ट ने उजागर करने का काम किया है ! और इसीलिये सत्ताधारी दल इस विषय पर ! लोकसभा में समस्त विरोधी दलों की कोशिश के बावजूद ! एक शब्द से भी प्रधानमंत्री ने अदानी का नाम नहीं लिया ! और उल्टा राहुल गांधी ने, अपने भाषण में लिया हुआ ! अदानी उद्योग समूह के संदर्भ में के ! सभी शब्दों को लोकसभा की कार्रवाई में से हटाने की कृती को क्या कहेंगे ? बिल्कुल सौ साल पहले की जर्मनी की संसद की याद दिला दिया है !


तोभी दूसरी तरफ बीजेपी ! हिटलर ने जर्मनी के संसद का इस्तेमाल जिस तरह से किया था ! बिल्कुल उसीकी तर्ज पर पिछले बजट सत्र में जिसे ड्यूमा बोला जाता है ! की भांति विश्व के औद्योगिक इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक उजागर हुआ है ! जिसपर अबतक भारत में जबरदस्त जनांदोलनों के शुरू होने की आवश्यकता है ! उसे देखते हुए लगता है ! कि विरोधी दलों की ओर से जो कोशिश होनी चाहिए ! वह नहीं हो रही है ! उल्टा सत्ताधारी दल और खुद अदानी उद्योग समूह भी ! तथाकथित देश की आडमे में अपनी राजनीति कायम करने की कोशिश कर रही हैं ! और जर्मनी में हिटलर भी समय – समय पर यही जुमला इस्तेमाल करते हुए ! पंद्रह साल तक जर्मनी की छाती पर मुंग दलता रहा है ! उसे रोकने का काम कोई भी नहीं करता हुआ दिखाई नहीं देता है !

यह सबसे बड़ी हैरानी की बात है ! “अदानी ही मोदी है ! और मोदी ही अदानी है ! ”
आशा करता हूँ कि आप सभी मेरे जैसा ही सोच समझ रखने वाले लोग हो ! मैंने ऐसी कोई भी नई बात नहीं लिखी है! जो आपको पता नहीं है ! लेकिन आप सब वहां साथ-साथ हो ! मै यहां मेडम खैरनार की तबीयत की वजह से घर में बंद हूँ ! तो अभि रातके बारह से अधिक समय हो रहा है ! लेकिन लगता है कि कल आप सब चले जाओगे तो इसलिए बोझिल आंखों से समाप्त कर रहा हूँ ! और मै आप सभी के साथ हूँ ! इतना वादा कर के समाप्त करते हुए आप सभी को फिर क्रांतिकारी अभिवादन !
डॉ सुरेश खैरनार 22 मार्च 2023 , नागपुर

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