mlcउत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 30 सीटें जीत लीं. आठ सीटों पर सपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए, बाकी 28 सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें से 22 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की. तकनीकी तौर पर समाजवादी पार्टी ने 31 सीटें जीती हैं. लेकिन इस तकनीकी कोण में सपा का दर्द छुपा हुआ है. यह एक सीट गोरखपुर के ताकतवर नेता सीपी चन्द ने जीती है.

सीपी चन्द समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए गए थे. लेकिन अचानक समाजवादी पार्टी का यादव प्रेम गहराया और अचानक प्रत्याशी बदल कर जयप्रकाश यादव को प्रत्याशी बना दिया. पार्टी ने जयप्रकाश यादव के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सीपी चन्द को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया, लेकिन सीपी चन्द के सामने सपा का प्रत्याशी टिक नहीं पाया. चुनाव आयोग ने भी ऐन मौके  पर प्रत्याशियों की लिस्ट में सीपी चन्द को निर्दलीय के रूप में टंकित नहीं किया और बैलेट पेपर पर सीपी चन्द ही सपा के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में दर्ज रह गए.

अब सपा के  लिए सीपी चन्द लम्बे समय तक गले की हड्डी बन कर चुभते रहेंगे. इस तरह नैतिक रूप से सपा के  पास 30 एमएलसी होंगे, लेकिन तकनीकी तौर पर सीपी चन्द को मिला कर 31. चन्द की जीत से विधान परिषद का चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए खुशियों के साथ-साथ थोड़ी तिक्तता भी लेकर आया. वाराणसी में बाहुबली ब्रजेश सिंह ने सपा प्रत्याशी मीना सिंह को हराया. ब्रजेश सिंह ने जेल में रहते हुए ही यह चुनाव जीता है.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों में सीतापुर से आनंद भदौरिया, लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार साजन, प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह, बांदा-हमीरपुर से रमेश, आगरा-फिरोजाबाद से दिलीप यादव, मथुरा-एटा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह और मेरठ-गाजियाबाद से राकेश यादव ने निर्विरोध जीत हासिल की. बाकी 28 सीटों के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 22 सीटों पर जोरदार जीत हासिल की. 30 सीटें (तकनीकी तौर पर 31 सीटें) जीतकर उच्च सदन में सपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

100 सीटों वाले राज्य विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटें हैं. इस पूरे चुनाव का सबसे दिलचस्प पहलू गोरखपुर-महराजगंज सीट का चुनाव ही रहा. यहां से विजयी घोषित किए गए सीपी चन्द को निर्वाचन आयोग ने सपा उम्मीदवार बताया, जबकि सपा ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर कहा कि उसके 30 प्रत्याशी ही जीते हैं. सपा ने पहले सीपी चन्द को चुनाव लड़ाने की घोषणा की थी.

बाद में सीपी चन्द के स्थान पर जयप्रकाश यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. मतदान के दो दिन पहले सीपी चन्द को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था. लेकिन सपा को इसका कोई फायदा नहीं मिला. 28 सीटों के लिए तीन मार्च को चुनाव हुए. छह मार्च आए चुनाव परिणाम के मुताबिक 23 पर सपा, दो पर बहुजन समाज पार्टी, दो पर निर्दलीय और एक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका. 28 सीटों में से 23 पर जीत हासिल करने के साथ ही विधान परिषद में अब सपा की सीटें बढ़कर 58 हो गई हैं.

स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्रों की 36 सीटों में से 34 बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास थी. एक-एक सीट कांग्रेस और सपा के पास थी. 15 जनवरी को इनका कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद सदन में बसपा सदस्यों की संख्या घटकर 14 रह गई थी. इन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही सपा 27 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी, लेकिन नए नतीजों से उच्च सदन में उसके सदस्यों की संख्या बढ़कर 58 हो गई. इस तरह विधानसभा और विधान परिषद दोनों में सपा को बहुमत हासिल हो गया.

काबीना मंत्री की धमकियां भी नहीं जिता पाईं

गाजीपुर में निर्दलीय प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल ने सपा प्रत्याशी सानंद सिंह को 65 वोटों से हरा दिया. प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री ओमप्रकाश सिंह द्वारा फोन पर धमकी दिए जाने को इस हार का कारण बताया जा रहा है. मंत्री द्वारा धमकी देने का प्रकरण सुर्खियों में आया था, लेकिन उस पर सरकार ने मौन साधे रखा. विजयी प्रत्याशी विशाल सिंह ने सपा उम्मीदवार की हार के लिए ओमप्रकाश सिंह की धमकियों के प्रति लोगों के आक्रोश को कारण बताया.

विशाल सिंह चंचल के चाचा और बसपा एमएलसी राजदेव सिंह ने कहा कि लड़ाई सपा से नहीं बल्कि मंत्री ओम प्रकाश सिंह बनाम राजदेव सिंह के परिवार के बीच थी. काबीना मंत्री की धमकियों के प्रति लोगों की नाराजगी का फायदा हमें मिला है. यही हाल रहा तो 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा की और दयनीय स्थिति हो जाएगी.

विधान परिषद की 36 सीटों पर जीते उम्मीदवार

1              बाराबंकी राजेश कुमार यादव      सपा

2              बहराइच मोहम्मद इखलाक खान   सपा

3              गोंडा    महफुजुरहमान   सपा

4              फैजाबाद हीरालाल यादव   सपा

5              बस्ती-सिद्धार्थनगर संतोष यादव उर्फ सनी    सपा

6              गोरखपुर-महराजगंज      सीपी चन्द                   सपा(बागी)

7              देवरिया राम अवध यादव सपा

8              आजमगढ-मऊ   राकेश कुमार यादव      सपा

9              बलिया  रविशंकर सिंह   सपा

10           गाजीपुर विशाल सिंह चंचल       निर्दलीय

11           जौनपुर  बृजेश कुमार सिंह उर्फ प्रिंसू       बसपा

12           वाराणसी बृजेश कुमार सिंह निर्दलीय

13           मिर्जापुर-सोनभद्र रामलली सपा

14           इलाहाबाद       बासुदेव यादव   सपा

15           बांदा-हमीरपुर       रमेश       सपा

16           झांसी-जालौन-ललितपुर  रमा निरंजन      सपा

17           कानपुर-फतेहपुर  दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव     सपा

18           इटावा-फर्रुखाबाद  पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी   सपा

19           आगरा-फिरोजाबाद दिलीप यादव    सपा

20           मथुरा-एटा-मैनपुरी उदयवीर सिंह    सपा

21           मथुरा-एटा-मैनपुरी अरविन्द प्रताप   सपा

22           अलीगढ जसवंत सिंह    सपा

23           बुलन्दशहर      नरेन्द्र सिंह भाटी सपा

24           मेरठ-गाजियाबाद राकेश यादव     सपा

25           मुजफ्फरनगर-सहारनपुर   मोहम्मद अली   बसपा

26           मुरादाबाद-बिजनौर परवेज अली     सपा

27           रामपुर-बरेली    घनश्याम सिंह लोधी     सपा

28           बदायूं   बनवारी सिंह यादव      सपा

29           पीलीभीत-शाहजहांपुर      अमित यादव    सपा

30           हरदोई  मिस्बाहुद्दीन     सपा

31           लखीमपुर खीरी   शशांक यादव    सपा

32           सीतापुर आनंद भदौरिया  सपा

33           लखनऊ-उन्नाव  सुनील कुमार    सपा

34           रायबरेली दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस

35           प्रतापगढ़ अक्षय प्रताप सिंह सपा

36           सुलतानपुर      शैलेन्द्र प्रताप सिंह       सपा

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