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नई दिल्ली (चौथी दुनिया, ब्यूरो)। लखनऊ में अधिकारियों को मायावती के आने की आहट सुनाई देने लगी है। शायद, इसिलिए मायावती राज के दौरान पार्कों में लगाई गई मूर्तियां और स्मारकों को फिर से चमकाया जाने लगा है।  इन पार्कों को चमकाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। ऐसी सुगबुगाहटें हैं कि अधिकारियों को मायावती के वापिस आने का अंदेशा हो चुका है।

अखिलेश राज में मायावती के स्मारकों की सुध लेने वाला कोई नहीं था। मायाराज में पार्क में 200 गेट लगाए गए थे जो टूट पड़े हुए थे। अब इन टूटे हुए गेट की मरम्मत की जा रही है। 50 प्रतिशत दरवाजों को सही किया जा चुका है। बाकी का काम भी चल रहा है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ये एक रुटिन काम है बजट जारी होने में देरी होने के चलते इस काम में देरी हुई।

काम को तेजी के साथ निपटाने की कोशिश है। अधिकारियों का सख्त आदेश है कि 11 मार्च यानि नतीजों के दिन से पहले तक सारा काम खत्म कर लेना है। आलम ये है कि पार्कों की मरम्मत के लिए 1 करोड़ रुपये का प्लंबरिंग  का सामान लाया जा चुका है। ऐसा कहा जाता है कि अगर मायावती वापिस शासन में आईं तो पार्कों की बदहाली के लिए अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। अधिकारी भले ही बजट का बहाना बना रहे हों लेकिन उनके काम से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनको मायावती के वापिस आने की आहट हो चुकी है।

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