भारतीय निशानेबाज मनीष नरवाल और सिंहराज ने टोक्यो पैरालंपिक में कमाल कर दिया। मनीष ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। वहीं इसी स्पर्धा में सिंहराज अडाना ने बेहतरीन निशाना साधते हुए रजत पदक पर कब्जा किया। मनीष ने फाइनल में 218.2 का स्कोर किया। वहीं, सिंहराज ने 216.7 अंके साथ सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे। इससे पहले भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज एसएल-4 सिंगल्स स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गए हैं।

उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया के खिलाड़ी सेतियावान फ्रेडी को हराया। अब उनसे गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है। उससे पहले  प्रमोद भगत पुरुष सिंगल्स एसएल-3 स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। उन्होंने सेमीफाइनल में जापान के खिलाड़ी डी फुजिहारा को मात दी। प्रमोद ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जापानी खिलाड़ी को 21-11 और 21-16 से हराया। इस जीत के साथ प्रमोद का पदक पक्का हो गया है। वहीं, कृष्णा नागर भी फाइनल में पहुंच गए हैं। कुल मिलाकर भारत ने बैडमिंटन में तीन पदक पक्के कर लिए हैं।

नरेंद्र मोदी ने मनीष को दी बधाई
टोक्यो में मनीष नरवाल ने भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उन्हें बधाई दी है। मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि शानदार उपलब्धि के लिए आपको बधाई। आपका यह गोल्ड भारतीय खेल के लिए विशेष महत्व रखता है।

हरियाणा सरकार ने नरवाल को 6 करोड़ रुपए देने की घोषणा
हरियाणा ने सरकार ने टोक्यो में गोल्ड मेडल जीतने वाले हरियाणा के फरीदाबाद निवासी मनीष नरवाल को 6 करोड़ देने की घोषणा की है, वहीं सिल्वर मेडल जीतने वाले सिंहराज को 4 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।

शुक्रवार को 3 मेडल मिले थे
इससे पहले शुक्रवार को भारत को 3 मेडल मिले थे। हरविंद्र सिंह ने आर्चरी में भारत के लिए तीसरा मेडल जीता था। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल के हुए मैच में शूटऑफ में कोरिया के तीरंदाज को हराया था। उनसे पहले राजस्थान की अवनि लेखरा ने 50 मीटर एयर राइफल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अवनि के अलावा प्रवीण कुमार ने भी देश को मेडल दिलाया। उन्होंने हाईजम्प में नए एशियन रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल जीता था। ये मेडल उन्हें टी-64 कैटेगिरी की हाईजंप में मिला था।

11 पैरालिंपिक्स में अब तक जीते मेडल से ज्यादा टोक्यो में मेडल
भारत के अब टोक्यो में 17 मेडल हो चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था।

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