मालदीव संकट के दौरान न्यूज एजेंसी एएफपी में काम कर रहे दो भारतीय पत्रकारों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इन दोनों पत्रकारों में से एक अमृतसर के मनी शर्मा और दूसरे लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के पत्रकार आतिश रावजी पटेल हैं. इन्हें मालदीव में वहां की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. इस घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पत्रकार मनी शर्मा को हिरासत में लिया गया है. मालदीव में भारतीय दूतावास को स्थानीय प्रशासन से संपर्क रखने के लिए कहा गया है.

इसका विरोध करते हुए मालदीव के एक सांसद अली जहीर ने कहा कि देश में अब लोकतंत्र बचा नहीं है. यहां प्रेस की आजादी पर भी खतरा मंडरा रहा है. हम तत्काल पत्रकारों की रिहाई और देश में लोकतंत्र की बहाली की मांग करते हैं. हाल में एक टीवी चैनल को भी बंद कर दिया गया था. भारत के पड़ोसी में स्थित मालदीव को अभी राजनीतिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है.

हाल में मालदीव में सुप्रीम कोर्ट ने 9 विपक्षी नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया था. मालदीव के राष्ट्रपति यामीन ने इस आदेश को ठुकरा दिया और आपातकाल का ऐलान कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत एक अन्य जज को भी गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला बदलना पड़ा था.

मालदीव के दोनों पड़ोसी देश भारत और चीन मामले पर नजर रखे हैं. इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की है. ट्रम्प ने मालदीव के राजनीतिक हालात पर चिंता जताई है. वहीं चीन भी मालदीव संकट के समाधान के लिए भारत के संपर्क में है. चीन ने कहा है कि वह मालदीव संकट पर भारत से टकराव नहीं चाहता है. मालदीव अपने आंतरिक संकट को सुलझाने में खुद सक्षम है. किसी भी बाहरी ताकत को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है.

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