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किचन में इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेण्डरों की भी एक्सपायरी डेट होती है. लेकिन ज्यादातर लोगों ने इस बात पर कभी गौर नहीं किया होगा कि सिलेण्डर का भी एक्सपायरी डेट चेक की जा सकती है. ऐसे में अगर हम अनजाने में एक्सपायरी डेट वाला सिलेण्डर इस्तेमाल करते है तो वह किसी जानलेवा बम की तरह ही होता है.

आमतौर पर जब भी हम गैस सिलेण्डर की रीफिल लेते हैं तो हम सिर्फ वजन और सील पर ही ध्यान देते हैं. क्योंकि कुछ लोगों को ये बात पता ही नहीं होती है कि सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट जैसी चीज़ भी होती है. जिसका फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां उठाती हैं और बिना कुछ सोचे समझे एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रीफिल कर घरों में पहुंचाती हैं जो कि हादसों को दावत देने के लिए काफी होते हैं.

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ऐसे में हमें पता होना चाहिए कि सिलेण्डर का एक्सपायरी डेट कैसे चेक करते हैं. तो ध्यान दें कि सिलेण्डर के ऊपरी हिस्से यानी पकड़ने वाले गोल रिंग के नीचे तीन पट्टियों में से एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट अंकित होती है. इसमें अंग्रेजी में A, B, C तथा D अक्षर के साथ में दो अंक भी लिखा होता है. जिनका अलग-अलग मतलब होता है, जैसे-

  • A अक्षर साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च),
  • B साल की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून),
  • C साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर),
  • D साल की चौथी तिमाही अर्थात अक्टूबर से दिसंबर महीनों को अंकित करता है.

अंग्रेजी में A, B, C तथा D अक्षर के साथ दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत भी करते हैं. यानि यदि सिलेण्डर पर C 17 लिखा हुआ हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी सितम्बर 2017 है. इस सिलेण्डर का “सितम्बर 2017” के बाद इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक होता है.

अगर एक्सपायरी सिलेण्डर का इस्तेमाल किया तो वह बम की तरह कभी भी फट सकते हैं. ऐसे में ध्यान रखने वाली बात यह है कि अब जब भी आप गैस सिलेण्डर लें तो एक्सपायरी डेट जरुर चेक कर लें और इस बात की जानकारी आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी को भी दें.

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