देश की सुरक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण-संवेदनशील मुद्दे पर देशवासियों को सफ़ेद झूठ परोसना कितना बड़ा अपराध है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर 2 जून,2020 को “रक्षामंत्री श्री राजनाथसिंह ने स्वीकारा था कि चीन हमारी सीमा में घुस आया है!”

19 जून,2020 को “आपने बतौर प्रधानमंत्री देश से बड़ी ही मासूमियत से झूठ बोला कि हमारी सीमा में कोई भी घुसपैठ नहीं हुई है!” कल 6 अगस्त,2020, गुरुवार को तो रक्षा मंत्रालय ने ही पहली बार अपने दस्तावेज में यह स्वीकार कर लिया है कि चीन की सेना 5 मई से भारतीय इलाके में घुसी है,वहां स्थिति संवेदनशील बानी हुई है!!

प्रधानमंत्री जी,आप 1अरब 30 करोड़ की आबादी वाले एक बड़े राष्ट्र के मुखिया हैं?देश की सुरक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण-संवेदनशील मुद्दे पर देशवासियों को सफ़ेद झूठ परोसना कितना बड़ा अपराध है,शायद अब जानते ही होंगे? क्या कोई “वास्तविक रामभक्त झूठ भी बोलता है?”, क्या अवसरों के अनुरूप विभिन्न वस्त्राम्बर धारण कर देश को अपने छद्म स्वरूप से ठगना/झूठ बोलना “राजधर्म” है?

प्रधानमंत्री जी,यदि इस तरह के घृणित अपराध किसी और मुल्क में किसी प्रधानमंत्री ने किया होता तो वहां जनक्रांति उठ खड़ी होती,उनका कभी का इस्तीफ़ा हो गया होता!!

भारतीयों के धैर्य,अंधभक्ति और उनकी सहिष्णुता को सादर प्रणाम,आप सभी यशस्वी हों।

के.के.मिश्रा

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