खुद को शिवभक्त बता चुके कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज से चार दिन की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे. खास बात यह है कि राहुल कैलाश मानसरोवर की यात्रा नेपाल से नहीं बल्कि चीन के रास्ते करेंगे. जानकारी के मुताबिक, उनकी यह धार्मिक यात्रा12 दिनों की होगी और वे 12 सितंबर को यात्रा खत्म कर लौटेंगे.

गौरतलब है कि गुजरात चुनाव के दौरान राहुल ने खुद को जनेऊधारी हिंदू और शिवभक्त बताया था. वे रूद्राक्ष की माला भी पहनते हैं, जो गुजरात में प्रचार के आखिरी दिन पत्रकारों से बात करते समय नजर भी आई थी.

अप्रैल महीने में कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए राज्य के दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान में अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी. इसके बाद विमान की हुबली में इंमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी. कांग्रेस ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए हुबली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से भी की थी. डीजीसीए की ओर से जांच का आश्वासन दिया गया था.

इस घटना के कुछ दिनों बाद दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की ‘जन-आक्रोश रैली’ में गांधी ने कहा था, ‘‘मैं दो-तीन दिन पहले कर्नाटक जा रहा था, मैं विमान में सवार था. विमान अचानक आठ हजार फुट नीचे आ गया. मैं अंदर से हिल गया और लगा कि अब गाड़ी गई. तभी मुझे कैलाश मानसरोवर की याद आई. अब मैं आप लोगों से 10 -15 दिन के लिए छुट्टी चाहता हूं ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा सकूं.’’

बता दें कि, हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा की खास जगह है. शिवभक्तों के लिए तो यह खासतौर पर काफी अहम है. माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव का वास है. इसके बगल में ही मानसरोवर झील है. माना जाता है कि यहां का पानी पीने और यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं.

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