भोपाल। राजधानी भोपाल के पुराने कॉलेजों में शुमार एमएलबी में शिक्षा के सुधार और शिक्षार्थियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस स्वशासी महाविद्यालय के ऑटोनॉमी रिव्यू के लिए एक दल गुरुवार को भोपाल पहुंच रहा है। ये दल दो दिन कॉलेज की विभिन्न व्यवस्थाओं, गतिविधियों और शैक्षणिक स्तर पर पड़ताल करेगा।

जानकारी के मुताबिक शासकीय एमएलबी कॉलेज का ऑटोनॉमी रिव्यू 19 और 20 अगस्त को किया जाएगा। इसके लिए यूजीसी का एक दल गुरुवार को पहुंचेगा। कॉलेज की प्राचार्य डॉ निशा पल्लीवाल के संरक्षण में होने वाली इस प्रक्रिया के लिए यूजीसी द्वारा एक टीम गठित की गई है। जिसमें प्रो. शशिकला बंजारी, कुलपति (सेवानिवृत्त) नागपुर सदस्य प्रो. नमिता सिंह, प्राध्यापक (बायोटेक) हरियाणा विवि डॉ. एसएल निराला, प्राचार्य शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय बिलासपुर, आरके सैनी यूजीसी अवर सचिव दिल्ली राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, भोपाल संभाग एवं विश्वविद्यालय द्वारा नामित सदस्य प्रो. मोना पुरोहित, विभागाध्यक्ष (विधि) शामिल रहेंगे।

ये होगा असर
हर 5 साल में होने वाली ऑटोनॉमी रिव्यू प्रक्रिया से जहां कॉलेज की शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर होगा, वहीं यहां की विद्यार्थी छात्राओं को भी कई सहूलियतें हासिल होंगी। उन्हें अपने जरूरी महाविद्यालय संबंधी कामों के लिए यूनिवर्सिटी तक दौड़ लगाने की मशक्कत से निजात मिल जायेगी। उन्हें अपनी फीस का पूरा रिकॉर्ड समय पर मिल जाया करेगा। पढ़ाई के साथ जॉब कर रहीं छात्राओं को ऑनलाइन फीस और अन्य आवेदन आदि की सुविधा मिल सकेगी।

इन बातों पर होगा फोकस
स्टॉफ की उपलब्धियां, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल लेब, कॉलेज बिल्डिंग, स्पोर्ट्स ग्राउंड, एनएसएस और एनसीसी गतिविधियां आदि।

नवाबकालीन धरोहर
शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय का इतिहास नवाबी शासनकाल से जुड़ा हुआ है। बेगमात के जमाने में वर्ष 1956 में इस कॉलेज ने आकार लिया था। जिसमें शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी देशभर और दुनिया के अन्य देशों में लेखक, गायक, शायर या कवि, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, शिक्षक जैसे पदों पर मौजूद हैं।

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