नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मिशेल को अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित 3,600 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दायर किए गए मामलों में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मिशेल की याचिका खारिज कर दी। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया है। पिछले साल 22 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने उसे गिरफ्तार किया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले में पांच जनवरी को मिशेल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इस घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में वह न्यायिक हिरासत में हैं। मिशेल उन तीन कथित बिचौलियों में से एक हैं जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच एजेंसी कर रही है। दो अन्य व्यक्ति गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा हैं।

क्या है क्रिश्चियन मिशेल का इतिहास ?
क्रिश्चियन मिशेल पर अगस्ता-वेस्टलैंड डील में 36,00 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग करने और रिश्वत लेने का आरोप है। मिशेल बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में उन 3 बिचौलियों में से एक हैं, जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी इस घोटाले में शामिल हैं। 57 वर्षीय मिशेल, फरवरी 2017 में गिरफ्तारी के बाद से दुबई की जेल में था। उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था। भारत ने 2017 में यूएई से क्रिश्चियन को भारत प्रत्यर्पित करने की आधिकारिक अपील की थी। इस संबंध में यूएई की अदालत को जरूरी दस्तावेज भी सौंपे गए।

मामले में 350 करोड़ की रिश्वत मिशेल को सौंपी गई थी
आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड ने डील फाइनल कराने के लिए क्रिश्चियन को करीब 350 करोड़ रुपये सौंपे थे, जो भारतीय राजनेताओं, एयरफोर्स के अफसरों और नौकरशाहों को देने थे। क्रिश्चियन ने घूस की रकम ट्रांसफर करने के लिए दो कंपनियों ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई, दुबई और ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स सर्विसेज, लंदन का इस्तेमाल किया था।

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