गया जिले के बेलागंज में भारत बंद के दौरान पुलिस द्वारा बच्चों और महिलाओं की पिटाई और झूठे मुकदमे में फसाएं जाने की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गया टावर चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का पुतला दहन किया. इसका नेतृत्व आखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य विजय कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम अवाम को अपनी बात रखने एवं शांतिपूर्ण आंदोलन करने का पूर्ण अधिकार है. लेकिन गया जिले के बेलागंज में 6 सितम्बर 2018 को स्थानीय पुलिस ने जिस बर्बरता का परिचय दिया, वह शर्मनाक है.


cpसवर्ण समाज पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण बिहार की राजनीतिक राजधानी गया में 7 अक्टूबर 2018 को महाधरना का आयोजन किया गया. अपनी ही सरकार के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राज्य सभा सदस्य डॉ. सीपी ठाकुर ने महाधरना में शामिल होकर बिहार के एनडीए की सरकार को सवर्ण समाज की अनदेखी करने का आने वाले समय में खामियाजा भुगतने को तैयार रहने का एक तरह से संदेश दे दिया. महाधरना में सांसद डॉ. सीपी ठाकुर और सूरजभान के शामिल होने से बिहार के सत्ता के गलियारे में खामोशी के बीच कुछ हलचल सी मची है.

ग़रीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए

सांसद डॉ. सीपी ठाकुर ने महाधरना में यहां तक कह दिया कि हम सवर्ण समाज के इंसाफ के लिए पार्टी और पद दोनों छोड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए सभी सर्वण एक हों, परन्तु दूसरी जाति से कभी घृणा न करें. इस संघर्ष में हिन्दू व मुस्लिम वर्ग के सभी सवर्ण समाज को एक साथ चलना होगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य के मुखिया नीतीश कुमार से हम मिलने नहीं गए, मुख्यमंत्री को हमसे मिलना चाहिए. डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि देश में गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए.

इस मुद्दे को लेकर देश के कोने-कोने में व्यापक तौर पर आन्दोलन की आवश्यकता है. सवर्णों को लोग बुद्धिमान समझते हैं तो बुद्धिमानी से यह संघर्ष जारी रखना होगा. उन्होंने कहा कि 6 सितम्बर 2018 को भारत बंद के दौरान गया जिले के बेलागंज में पुलिस बलों के द्वारा अधिकारियों के इशारे पर लोगों के घरों में जबरन घुसकर महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों की जाति पूछकर उनकी पिटाई की गई, यह घटना असहनीय है. डॉ.

ठाकुर ने सवर्ण समाज के लोगों से कहा कि सवर्ण समाज का नारा नहीं लगाए, बल्कि सामान्य समाज का नारा बुलंद करके एकजुटता दिखाए. उन्होंने गया जिले के बेलागंज सहित बिहार के विभिन्न जिलों में भारत बंद के दौरान पुलिस बर्बरता पर विरोध जताया और कहा कि पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने के कारण महाधरना का आयोजन कर राज्यपाल और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है.

दूसरों को सम्मान देकर ल़़ड़ें हक़ की लड़ाई

ज्ञात हो कि बेलागंज में 6 सितम्बर 2018 को भारत बंद के दौरान पुलिस-प्रशासन ने मिलकर सेना के शहीद की विधवा की भी पिटाई कर दी थी. कई नबालिगों पर गैर जमानती धाराओं के तहत मुकदमा किया गया था. इस मामलें में सरकार की चुप्पी से सवर्ण समाज के लोगों में आक्रोश बढ़ा और महाधरना इसी आक्रोश का परिणाम है.

महाधरना को संबोधित करते हुए लोजपा नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने कहा कि लोग हम लोगों से बुद्धि, विद्या और संस्कार लेने आते हैं. नीतीश कुमार को इसी समाज ने वोट देकर सत्ता पर बैठाया है. उनके इस रवैये से हम लोगों को सीखने की जरूरत है. उन्होनें कहा कि दूसरे को सम्मान देते हुए भी अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ी जा सकती है. हम लाठी चलाने के बजाय लाठी खाकर ही अपनी आवाज बुलंद करेगें.

सवर्ण समाज एक होकर लड़ाई जारी रखें तभी कामयाबी मिलेगी. महाधरना को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामजतन सिन्हा ने वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारी सरकार राज्य व केन्द्र मंें नहीं है. बिहार व केन्द्र में एनडीए की सरकार है, फिर भी आरक्षण के मुद्दे पर इतना घमासान हो रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी और नीतीश से इस्तीफा की मांग छोड़िए, सीपी ठाकुर यहां मौजूद हैं, क्यों न इन्हीं से इस्तीफा ले लिया जाए. उन्होंने कहा कि इस समाज से करीब 50 से अधिक संख्या में सांसद हैं, लेकिन महाधरना में उपस्थिति नगण्य है.

महाधरना में भाजपा प्रदेश कार्य समीति के पूर्व सदस्य महेश शर्मा ने बेलागंज में पुलिसिया जुर्म के खिलाफ बातें रखीं. उन्होंने कहा कि इसके लिए राजभवन के समक्ष अनिश्चित कालीन धरना देना होगा. महाधरना की अध्यक्षता जैनेन्द्र कुमार ने की. वहीं दूसरी ओर, महाधरना स्थल गांधी मैदान के गांधी मंडप में जदयू अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता बैठक कर रहे थे. बैठक के दौरान ही महाधरना में शामिल होने के लिए आए कुछ लोग गांधी मंडप में घुस गए और नीतीश कुमार विरोधी नारे लगाने लगे.

जदयू कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो लोग मारपीट पर उतारू हो गए. हालांकि जिला जदयू अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि जदयू कार्यकर्ताओं ने बहुत ही संयमित होकर धैर्य बनाए रखा. वहीं, पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर सांसद सीपी ठाकुर, धरना के संयोजक जैनेन्द्र सिंह एवं अधिवक्ता मुकेश कुमार ने कहा कि महाधरना को बदनाम करने के लिए जदयू के बैठक में आदमी भेजकर हंगामा कराया गया है.

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री का पुतला दहन

गया जिले के बेलागंज में भारत बंद के दौरान पुलिस द्वारा बच्चों और महिलाओं की पिटाई और झूठे मुकदमे में फसाएं जाने की न्यायिक जांच कराने की मंाग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गया टावर चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का पुतला दहन किया. इसका नेतृत्व आखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य विजय कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम अवाम को अपनी बात रखने एवं शांतिपूर्ण आंदोलन करने का पूर्ण अधिकार है. लेकिन गया जिले के बेलागंज में 6 सितम्बर 2018 को स्थानीय पुलिस ने जिस बर्बरता का परिचय दिया, वह शर्मनाक है.

सवर्ण सामाज के द्वारा आयोजित महाधरना में ऐसे तो सभी समान्य जाति के लोग उपस्थित थे. लेकिन एक जाति विशेष की बहुलता तथा अन्य जाति के नेताओं की उपस्थिति नहीं होने पर लोगों को बहुत कुछ कहने का मौका मिला. इसी बात को लेकर महाधरना में शामिल डॉ. सीपी ठाकुर और सूरजभान सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि सामान्य जाति के सभी लोगों को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी तभी सरकार तथा सत्ता में बैठे लोग सामान्य जाति के लोगों की जायज मांगों के लिए कुछ करने और सोचने के लिए बाध्य होंगे.

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